राजगढ़: उपसंचालक, किसान कल्याण एवं कृषि विकास हरीश मालवीय ने कहा कि जिले में जहां हलकी एवं मध्यम काली मिट्टी वाले इलाके हैं, वहां पर किसानों को ब्राड बेड फरो (बीबीएफ) या चौड़ी क्यारी और नाली पद्धति से बोआई की जानी चाहिए, क्योंकि ब्राड बेड फरो को मूल रूप से सोयाबीन के खेतों में पानी की समस्या से निबटने के लिए विकसित किया गया है. मिट्टी की नमी का प्रबंधन वर्षा के पानी का मिट्टी में रिसाव और नमी अवधारणा को बढ़ा कर एवं पानी के बहाव और मृदा अपरदन को कम करने के लिए इस का उपयोग किया जाता है.

इस प्रकार बीबीएफ मशीन द्वारा गहरी नाली बना कर अधिकतम वर्षा के दौरान जल की निकासी की जाती है और कम वर्षा होने पर गहरी नाली नमी के संरक्षण का काम करती है, जिस से दोनों स्थितियों के हानिकारक प्रभाव कम हो जाते हैं.

ब्राड बेड फरो (बीबीएफ) पद्धति की खूबियां

ब्राड बेड फरो में सीड प्लेसमेंट के लिए एडजेस्टमेंट की सुविधा दी गई होती है. इस बहुद्देशीय मशीन का उपयोग प्रदाय किए गए फरो ओपनर को जोड़ कर एवं हटा कर खरीफ व रबी दोनों फसलो के लिए किया जा सकता है. इस मशीन से पंक्ति से पंक्ति की दूरी एडजस्ट की जा सकती है.

ब्राड बेड फरो से बने चैनलों या नाली के माध्यम से आसानी से सिंचाई की जा सकती है. रबी फसलों में उपयोग के लिए मशीन के साथ अतिरिक्त 5 टाइन उपलब्ध कराए जाते हैं. ब्राड बेड फरो में बोए गए बीजों को मिट्टी से एकसाथ ढकने की सुविधा होती है. ब्राड बेड फरो में 5 फरो ओपनरों के साथ 4 अतिरिक्त फरो ओपनर का प्रावधान है. इस तकनीक के उपयोग से फसल उत्पादन में 14.20 फीसदी की बढ़ोतरी होती है.

सफल संचालन एवं सर्वोत्तम परिणाम के लिए सुझाव

रबी फसल की कटाई के बाद खेत की गहरी जुताई कर उसे खुला छोड़ देना चाहिए, क्योंकि उस से गुणवत्तापूर्ण चौड़ी क्यारी तैयार करने में मदद मिलेगी. यदि हर वर्ष यह काम करना संभव न हो, तो कम से कम 2 या 3 वर्ष में एक बार अवश्य करना चाहिए. अन्य जुताई के कामों का भी पालन यथावत करना चाहिए. एमबी प्लाऊ उपयोग न करने पर रिजिड टाइन कल्टीवेटर का उपयोग किया जाना चाहिए. प्रत्येक 3 सालों में खेतों का समतलीकरण करना चाहिए. एमबी प्लाऊ और ब्राड बेड फरो के लिए 40 पीटीओ एचपी का ट्रैक्टर उपयोग करना चाहिए.

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