हिसार : अब इनसानों की तरह पशुओं में भी हड्डियों/जोड़ों की समस्या से नजात पाने के लिए कृत्रिम इम्प्लांट जल्द ही उपलब्ध होंगे. लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डा. विनोद कुमार वर्मा के मार्गदर्शन में पशु चिकित्सा महाविद्यालय के सर्जरी एवं रेडियोलौजी विभाग ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है.

इस के लिए 21 जून, 2024 को लुवास ने आर्थोपेडिक इम्प्लांट की निर्माता कंपनी “ओर्थोटैक इंडिया प्रा. लि., वलसाड, गुजरात के साथ समझौता किया है. कुलपति सचिवालय में कुलपति डा. विनोद कुमार वर्मा की उपस्थिति में लुवास के मानव संसाधन निदेशालय के निदेशक डा. राजेश खुराना एवं अनुसंधान निदेशक डा. नरेश जिंदल ने आर्थोटैक के निदेशक सुशांत बनर्जी एवं सुनीता बनर्जी के साथ समझौतापत्र पर हस्ताक्षर किए.

सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डा. आरएन चौधरी ने बताया कि इस से कुत्तों में हिप डिस्प्लेसिया एवं फ्रैक्चर को ठीक करने में काफी सहायता मिलेगी. इस के साथ ही हड्डी के कैंसर से ग्रसित पशुओं में विकृत हड्डी/जोड़ काटने के बाद पशु पूरी तरह से चलनेफिरने में समर्थ होगा. पालतू पशुओं के लिए विशेष रूप से बने इम्प्लांट उपलब्ध न होने से अभी इन के इलाज में काफी समस्या आती है.

लुवास के डा. राम निवास के प्रयास स्वरूप लुवास आर्थोटैक के पशुओं के लायक इम्प्लांट की डिजाइन देगा, जो कि सब से पहले कूल्हे के जोड़ में प्रत्यारोपित किया जाएगा. कुलपति प्रो. (डा.) विनोद कुमार वर्मा के साथ महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. गुलशन नारंग ने भी प्रोजैक्ट की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी हैं.

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