अखिल भारतीय समन्वित कृषिरत महिला अनुसंधान परियोजना, अनुसंधान निदेशालय, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर एवं विद्या भवन कृषि विज्ञान केंद्र, बड़गांव प्रथम के संयुक्त तत्वावधान में पांचदिवसीय बकरी पर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. यह आयोजन 31 जुलाई से 4 अगस्त तक किया गया.
प्रशिक्षण कार्यक्रम के अवसर पर मुख्य अतिथि निदेशक प्रसार निदेशालय, मप्रकृप्रौवि, उदयपुर ने उन्नत बकरीपालन को लाभकारी व्यवसाय बताते हुए महिलाओं से कहा कि वे उन्नत नस्ल की बकरीपालन वैज्ञानिक तरीके से करें, उन के स्वास्थ्य का ध्यान रखें व समय पर टीकाकरण करें, तो यह बहुत ही फायदे का सौदा होगा.
यदि महिलाए बकरीपालन के साथसाथ मुरगीपालन, बटेरपालन व अन्य आयवर्धक गतिविधियां भी अपनाती हैं, तो उन्हें सिर्फ खेती पर ही निर्भर नहीं रहना पड़ता, बल्कि उन्हें आय के नए जरीए मिल जाते हैं.
कार्यक्रम संयोजक डा. पीसी भटनागर ने महिलाओं को बकरीपालन के बारे में विस्तृत जानकारी के अतिरिक्त केंद्र की गतिविधियों की भी जानकारी दी और बताया कि महिलाओं को बकरियों की नस्ल सुधार के लिए 2 सिरोही नस्ल के बकरे जनजाति उपपरियोजना के अंतर्गत एक माह के भीतर दिए जाएंगे, जिस से आने वाली बकरियों की नस्ल में सुधार होगा. साथ ही, 2 समूहों में 2 औ औषधीय प्राथमिक उपचार कीट भी वितरित किए जाएंगे.
कार्यक्रम संयोजक डा. विशाखा बंसल ने बताया कि प्रशिक्षण में पंचायत समिति मावली के गांव गुड़ली की 20 महिलाओं को रोजगार के बेहतर साधन मुहैया करवाने के लिए विद्या भवन कृषि विज्ञान केंद्र, बड़गांव से जोड़ा गया. दोनों समूहों में अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष व सचिव के चुनाव किए गए और समूह को सर्वप्रथम रोजगार के विभिन्न आयामों से परिचित करवाने के लिए बड़गांव कृषि विज्ञान केंद्र से उन्नत बकरीपालन का प्रशिक्षण दिलवाया गया.
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के उपरांत सभी महिलाएं बकरीपालन के साथसाथ रोजगार के अन्य साधनों का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगी. इस प्रशिक्षण में महिलाओं को विज्ञान केंद्र की विभिन्न इकाई जैसे बकरीपालन, डेरी इकाई एवं मुरगीपालन इकाई का अवलोकन करवाया गया. साथ ही, प्रशिक्षण में महिलाओं को बकरी की प्रमुख नस्लों, आवास, आहार, बीमारियों के लक्षण व उन की रोकथाम के उपाय, नर बकरे व मादा का चयन, टीकाकरण, विपणन इत्यादि के बारे में विस्तार से बताया गया.
बकरीपालन में नाबार्ड व सरकारी योजनाओं की भी जानकारी दी गई. यह जानकारी डा. शंकरलाल, मुकेश कुमार सुथार, डा. सविता मीणा, भाटी सा., डा. विजय माने, नीरज यादव, डा. निर्मल कुमार, डा. भगवत सिंह, डा. सिद्धार्थ मिश्रा एवं डा. जीवन राम जाट ने दी.