नई दिल्लीः पशुपालन एवं डेयरी विभाग की सचिव अलका उपाध्याय की अध्यक्षता में दिल्ली में एक गोलमेज बैठक आयोजित की गई. यह बैठक भारतीय पोल्ट्री तंत्र को मजबूती देने के लिए की गई. इस बैठक में देश की प्रमुख पोल्ट्री कंपनियां, राज्य सरकारें और उद्योग संघ एक मंच पर साथ नजर आए.
बैठक में सचिव अलका उपाध्याय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारतीय पोल्ट्री क्षेत्र, जो अब कृषि का एक अभिन्न अंग है, ने प्रोटीन और पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. जहां फसलों का उत्पादन हर साल 1.5 से 2 फीसदी दर से बढ़ रहा है, वहीं अंडे और ब्रायलर का उत्पादन 8 से 10 फीसदी की दर से हर साल बढ़ रहा है.
पिछले 2 दशकों में भारतीय पोल्ट्री क्षेत्र एक विशाल उद्योग के रूप में विकसित हुआ है, जिस ने भारत को अंडे और ब्रायलर मांस के प्रमुख वैश्विक उत्पादक के रूप में स्थापित किया है.
सचिव अलका उपाध्याय ने बताया कि पशुपालन एवं डेयरी विभाग निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहलें कर रहा है. विभाग ने हाल ही में उच्च रोगजनकता वाले एवियन इन्फ्लुएंजा से मुक्ति की स्वघोषणा प्रस्तुत की.
निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विभाग ने 33 पोल्ट्री कंपार्टमेंटों को एवियन इन्फ्लुएंजा से नजात माना है. विभाग ने वैधता के आधार पर विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन को 26 विभाग अधिसूचित किए हैं. 13 अक्तूबर, 2023 को स्वघोषणा को विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुमोदित किया गया था. इस के अलावा विभाग ने पिछले वर्षों में चारे की कमी की समस्या को हल करने के लिए कदम उठाए हैं. साथ ही, विभाग ने पोल्ट्री उत्पादों की खपत के खिलाफ कोविड काल के दौरान देशभर में फैली भ्रामक सूचनाओं का मुकाबला करने के लिए भी कदम उठाए.
अलका उपाध्याय ने पोल्ट्री निर्यात को बढ़ावा देने, भारतीय पोल्ट्री क्षेत्र को मजबूत करने, व्यापार करने में सुधार करने, पोल्ट्री उत्पाद निर्यात में चुनौतियों का समाधान करने और अनौपचारिक क्षेत्र में इकाइयों के एकीकरण की रणनीति बनाने और विश्व मंच पर पोल्ट्री क्षेत्रों की स्थिति को और मजबूत करने पर बल दिया.
उन्होंने पोल्ट्री और उस से संबंधित उत्पादों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए पोल्ट्री कंपार्टमेंटलाइजेशन की अवधारणा को अपना कर एचपीएआई से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए विभाग के सक्रिय दृष्टिकोण पर अंतर्दृष्टि भी साझा की.
वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत ने वैश्विक बाजार में महत्वपूर्ण प्रगति की. उल्लेखनीय 664,753.46 मीट्रिक टन पोल्ट्री उत्पादों का 57 से अधिक देशों को निर्यात किया, जिस का कुल मूल्य 1,081.62 करोड़ रुपए (134.04 मिलियन अमरीकी डालर).
एक हालिया बाजार अध्ययन के अनुसार, भारतीय पोल्ट्री बाजार ने वर्ष 2024-2032 तक 8.1 फीसदी की सीएजीआर के साथ वर्ष 2023 में 30.46 बिलियन अमेरिकी डालर का उल्लेखनीय मूल्यांकन हासिल किया.
इस गोलमेज बैठक ने गतिशील विचारविमर्श के लिए एक मंच के रूप में काम किया, जिस ने वर्तमान चुनौतियों का समाधान करने और भारतीय पोल्ट्री क्षेत्र के सतत विकास के लिए मजबूत रणनीति तैयार करने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों को प्रोत्साहित किया. बैठक में पोल्ट्री क्षेत्र के प्रतिनिधियों, निर्यातकों ने पोल्ट्री निर्यात से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की.