जयपुर: शासन सचिव, पशुपालन डॉ. समित शर्मा की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में शासन सचिव ने विभाग के सभी अधिकारियों तथा जिलों में स्थित सभी अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा कर आवश्यक दिशा—निर्देश प्रदान किए.
उन्होंने दवाईयों की आपूर्ति और उपलब्धता को विभाग की पहली प्राथमिकता बताते हुए कहा कि प्रत्येक पशु चिकित्सा संस्थानों में आवश्यक दवाईयों और सर्जिकल आइटम्स की उपलब्धता हर समय सुनिश्चित होनी चाहिए. कोई भी पशुपालक हमारे संस्थानों से खाली हाथ नहीं लौटना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें हमारे संस्थानों में जो भी उपलब्ध संसाधन हैं उनसे पशुपालकों को सर्वश्रेष्ठ सेवा देनी है.
टीकाकरण के काम में तेजी लाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति में टीकाकरण की जो स्थिति है उसका कोई औचित्य नहीं है. केवल टीकाकरण करा देना ही काफी नहीं है संबंधित ऐप पर उसका इंद्राज होना भी बहुत आवश्यक है. उन्होंने निर्देश दिया कि आने वाले पंद्रह दिनों में टीकाकरण की स्थिति साफ हो जानी चाहिए.
पॉलीक्लिनिक पर उपलब्ध उपकरणों के रखरखाव और उसके उपयोग पर चर्चा करते हुए डॉ. शर्मा ने कहा कि कई स्थानों पर हमारे उपकरण काम में नहीं लिए जा रहे हैं ऐसी स्थिति ठीक नहीं है. उन्होंने संस्थानों में खराब पड़े उपकरणों को ठीक कराने की व्यवस्था कर उन्हें काम में लेना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.
उन्होंने कहा कि कम पैसे में हमारे संस्थानों को बेहतर बनाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए.
शासन सचिव ने कहा कि मोबाइल वेटरनरी यूनिट भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है 2 अक्टूबर से इसका हेल्पलाइन नंबर प्रायोगिक रूप से काम कर रहा है. पशुपालन मंत्री, श्री जोराराम कुमावत 9 अक्टूबर को इसका विधिवत शुभारंभ करेंगे. इसका लाभ अधिकतम पशुपालकों और पशुओं को मिले इसके लिए पूरी निष्पक्षता, ईमानदारी और पारदर्शिता से काम करना होगा. उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर भी एक छोटा आयोजन कर इसका प्रचार प्रसार किया जाना चाहिए जिससे अधिक से अधिक लोगों तक इसकी जानकारी पहुंच सके.
उन्होंने कहा कि मोबाइल वेटरनरी यूनिट केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का भी प्रचार प्रसार करेगी. डॉ. शर्मा ने मोबाइल वेटरनरी यूनिट की क्रियान्विति इस तरीके से करने के निर्देश दिए जिससे यह देश में मॉडल के रूप में उभर सके.
डॉ. शर्मा ने जिलों में पशु चिकित्सा संस्थानों की भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए निर्देश देते हुए कहा कि जिला कलक्टर्स के साथ मिलकर इस समस्या का समाधान निकाला जाए. पशु चिकित्सा संस्थानों की जगह पर किसी का अतिक्रमण नहीं होना चाहिए. पशुपालन सम्मान समारोह के लिए सभी जिलों से प्रगतिशील किसानों के नाम जल्द से जल्द मंगाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के एक वर्ष पूरे होने के अवसर पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. उन्होंने सभी अधिकारियों को समयबद्धता, निष्पक्षता, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से काम करने के निर्देश दिए.
बैठक में निदेशक पशुपालन डॉ. भवानी सिंह राठौड़ सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया.