पशुओं के आहार में 15 जरूरी तत्त्वों की जरूरत पड़ती है. इस में 8 सूक्ष्म तत्त्व होते हैं. मुख्य तत्त्वों में कैल्शियम, फास्फोरस, मैगनीशियम, सल्फर, सोडियम क्लोरीन और पोटेशियम. सूक्ष्म तत्त्वों में लोहा, तांबा, कोबाल्ट, मैंगनीज, मौलिब्डेनम, आयोडीन, जिंक (जस्ता) और सेलेनियम.

पशु शरीर में मुख्य काम : मुख्य तत्त्व गठनात्मक और आयनिक क्रियाओं को आधार प्रदान करते हैं और सूक्ष्म तत्त्व एंजाइम और हारमोन के अभिन्न अंग के रूप में विभिन्न क्रियाओं जैसे पाचन उपापचय, बढ़ोतरी, उत्पादन और प्रजनन कूवत को प्रभावित करते हैं.

खनिज लवणों की कमी से होने वाली बीमारियां : रीकेट, पाइका, दुग्ध ज्वर, ग्वाइटर (घेंघा), रक्त अल्पता यानी खून की कमी, खुरदरी त्वचा, बढ़ोतरी में कमी, प्रजनन कूवत में कमी, गर्भधारण में देरी, रोगरोधी कूवत में कमी वगैरह.

मात्रा : दुधारू पशु को 40-50 ग्राम और अन्य पशुओं को 30 ग्राम या दाना मिश्रण के साथ 1-2 फीसदी मिला कर देना चाहिए.

कैसे दें पशु आहार : पशुओं को हमेशा सही समय पर सही मात्रा में आहार देना चाहिए. सब से पहले साफसुथरा भूसा ले कर उसे कुछ समय तक पानी में भिगोना चाहिए. इस के बाद भीगे हुए भूसे में दाने के साथ सानी बना कर पशुओं को खिलाना चाहिए. सूखे चारे को खिलाने से पहले ध्यान रखें कि चारा बिना काटे हुए पशुओं को न दें. इस की हमेशा कुट्टी बना कर पशुओं को देनी चाहिए.

पशुओं को हरा चारा खिलाने के लिए उन्हें खेत में चराएं या हरा चारा काट कर खिलाना चाहिए. दलहनी चारे को अदलहनी चारे या भूसे के साथ मिला कर खिलाएं. इसी तरह ज्वार की पहली कटाई की फसल, इस की बोआई के 60 दिन बाद या बरसात के बाद ही काट कर पशु को खिलाना चाहिए.

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