बस्ती : उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद में स्थित प्रदेश के दूसरे सब से बड़े मत्स्य बीज उत्पादन केंद्र राप्ती हैचरी का औचक निरीक्षण करने पहुंचे मत्स्य विभाग के कैबिनेट मंत्री डा. संजय कुमार निषाद ने इस केंद्र के सुविधाओं का जायजा लेते हुए मत्स्य उत्पादन के प्रगति को जाना.
इस मौके पर उन्होंने बताया कि राप्ती हैचरी मत्स्य बीज उत्पादन में प्रदेश के दूसरे स्थान पर है और इस को प्रथम स्थान पर लाने का प्रयास किया जा रहा है.
निरीक्षण के दौरान मौजूद कर्मियों ने प्रगति की जानकारी देते हुए मंत्री डा. संजय कुमार निषाद को बताया कि राप्ती हैचरी में कुल 6 प्रकार की ब्रीडिंग (प्रजाति) कराई जाती है, जिस में मेजर क्राप्स (रोहू, कतला, नैन), ग्रास क्राप्स, सिल्वर क्राप्स और कामन क्राप्स की ब्रीडिंग राप्ती हैचरी में कराई जाती है.
इस मौके पर पत्रकारों के सवालों का जबाब देते हुए उन्होंने बताया कि कुल 50 लाख मत्स्य बीजों उत्पादन इस साल राप्ती हैचरी में किया गया है और कामन क्राप्स के मत्स्य बीजों की सप्लाई की भी जारी है.
उन्होंने यह भी बताया कि मौजूदा समय में 15 लाख, 71 हजार छोटे मत्स्य बीजों और 54 हजार बड़े मत्स्य बीजों की सप्लाई हो चुकी है.
उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जबाब देते हुए बताया कि राप्ती हैचरी कुल 37 एकड़ के क्षेत्रफल में फैला है, जिस में कुल 39 तालाब (पोखरे) बनाए गए हैं और इस के सुचारु संचालन के लिए 20 हार्सपावर की 2 मोटर राप्ती हैचरी में काम कर रही है.
निरीक्षण के दौरान मंत्री डा. संजय कुमार निषाद ने कुछ खामियां भी पाई हैं, जिन्हें सुधारने का निर्देश जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों को दिया.
उन्होंने बताया कि पूर्व की सरकारों के मत्स्य विभाग को ले कर ढुलमुल रवैए में प्रदेश में मत्स्य विभाग को खत्म करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, किंतु प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मत्स्य उत्पादन को ले कर सक्रिय रूप से जोर दिया जा रहा है, जिस के परिणाम है कि प्रदेश में मत्स्य उत्पादन को काफी बढ़ावा मिला है. राप्ती हैचरी में बाउंड्री और फैंसिंग की आवश्यकता है, मत्स्य बीजों को पक्षियों से बचाने के लिए बर्ड नेट (जाल) और पानी की सुचारु और बेहतर सप्लाई के लिए सरयू नहर से लिंक करने की आवश्यकता है, जिसे पूरा किया जाएगा.