आजकल पशुपालक अपने दुधारू पशुओं से ज्यादा दूध लेना चाहते हैं. इस के चलते पशुओं के लिए अपनी सेहत बनाए रखना भी एक चुनौती है. जिन पशुओं को सही खुराक मिलती है वे पशु तो इस चुनौती का सामना कर लेते हैं, पर जिन्हें सही खुराक नहीं मिल पाती वे या तो बीमार पड़ जाते हैं या फिर उन का उत्पादन कम हो जाता है.
जब भी पशु को किसी प्रकार का कोई इंफैक्शन या बीमारी होती है तो उस के चलते वहां की कोशिकाएं बेकार हो जाती हैं. कोशिकाओं के बेकार होने के चलते ही पशु को ठीक होने में ज्यादा समय लगता है.
उदाहरण के तौर पर, जिस थन में थनैला रोग हो जाता है तो इंफैक्शन के चलते उस थन की कुछ कोशिकाएं बेकार हो जाती हैं. नतीजतन, वह थन सिकुड़ कर छोटा हो जाता है. बहुत ज्यादा कोशिकाओं के बेकार होने पर थन से दूध आना भी बंद हो जाता है.
देहात में कहते हैं कि यह थन मर गया जिस से पशु में दोष लग जाता है और पशु की कीमत भी कम हो जाती है.
कई बार आप ने गौर किया होगा कि ब्याने के तुरंत बाद तनाव के कारण पशु बिलकुल भी दूध नहीं देता है. पशुपालक अनेक कोशिश करें लेकिन दूध नहीं आता. इस तरह के मामलों में न्यूक्लियोटोन पाउडर खिलाना चाहिए. इस में पशु से आसानी से दूध मिलता है.
सुबहशाम जब हम दूध निकालते हैं तो थन की कोशिकाओं को नुकसान होता है. दूध निकालने के कारण थन की कोशिकाओं के नुकसान की भरपाई के लिए न्यूक्लियोटोन पाउडर जरूर खिलाना चाहिए.
न्यूक्लियोटोन पाउडर एक ऐसा उत्पाद है जो पशु को हर इलाज में दिया जा सकता है. अगर आप किसी भी इलाज के साथ देंगे तो यह उस इलाज के असर को बढि़या तरीके से बढ़ा देता है इसलिए अच्छे नतीजों के लिए इलाज के साथसाथ न्यूक्लियोटोन पाउडर जरूर खिलाना चाहिए.
कई बार पशुओं के थन फटने लगते हैं. आप ने काफीकुछ किया, लेकिन थन फटने बंद नहीं हुए. अब आप को थनों पर चिकनाई या दूसरा कुछ लगाने की जरूरत नहीं है. सिर्फ न्यूक्लियोटोन पाउडर 20 ग्राम 10 दिनों तक लगातार खिलाएं. इस से पशु के थन फटने से छुटकारा मिल जाएगा. इस पाउडर की खुराक बड़े पशु को 10 से 20 ग्राम और छोटे पशु को 5 से 10 ग्राम देनी चाहिए. न्यूक्लियोटोन पाउडर 200 ग्राम के पैक में मिलता है.
अगर आप के पशु को भी इस तरह की परेशानियों से सामना करना पड़ रहा है तो आप ऐनिमैक्स फार्मा प्रा. लि. के मोबाइल फोन नंबर 9891321775 पर बात कर के और ज्यादा जानकारी ले सकते हैं.