अविकानगर : केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर में मालपुरा भेड़ के सैक्टर मालपुरा परियोजना के एनडब्बूपीएसआई की एससीएसपी उपयोजना के अंतर्गत मालपुरा तहसील के 11 गांवों (सदरपुरा, चौरूपुरा, धोली, खेड़ा, भीपुर, कैरवालिया, लावा, डिग्गी नुक्कड़, लक्ष्मीपूरा, अजमेरी एवं चांदसेन) एवं पीपलू तहसील के ज्वाली गांव आदि के 20 अनुसूचित जाति के किसानों को मालपुरा भेड़ों में नस्ल सुधार हेतु वैज्ञानिक भेड़पालन पर पांचदिवसीय (19 से 23 फरवरी, 2024) प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन मुख्य अथिति डा. जीके गौड़, सहायक महानिदेशक, पशु उत्पादन एवं प्रजनन, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली, कार्यक्रम के अध्यक्ष व निदेशक डा. अरुण कुमार तोमर,प्रधान वैज्ञानिक डा. आरसी शर्मा, विभाग अध्यक्ष डा. एसएस मिश्रा, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी इंद्रभूषण कुमार, मुख्य वित्त एवं लेखा अधिकारी राजकुमार एवं मालपुरा परियोजना के पीआई डा. पीके मलिक की मौजूदगी में किया गया.

मुख्य अथिति डा. जीके गौड़ द्वारा अपने संबोधन में सभी किसानों को वैज्ञानिक तरीके से भेड़पालन करने के लिए विभिन्न उदाहरणों से संबोधित किया.

उन्होंने आगे बताया कि भारत सरकार गांवों के किसानों को आधुनिक खेती और पशुपालन के माध्यम से ही विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए हर रोज नई स्कीमें लागू कर रही है, जिस से गांवों में भी सभी तरह के संसाधनों का विकास हो.

उन्होंने यह भी बताया कि स्वच्छ वातावरण में पाला जाने वाला पशु ही सब से अच्छा मांस और उत्पाद देता है. यह वैज्ञानिक तरीके से पशुपालन करने से ही संभव है.

भेड़पालन (Sheep Rearing)

अंत मे उन्होंने कहा कि आप के उत्थान के लिए ही हम लोग काम कर रहे हैं, इसलिए आप की आर्थिक उन्नति होने पर ही हमारे कामों की सार्थकता है.

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