उदयपुर : भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मंझले उद्यम मंत्रालय ने विश्वस्तरीय अनुभवात्मक प्रशिक्षण इकाइयों से सुसज्जित एवं तकनीकी रूप से पूर्ण सक्षम प्राध्यापकों एवं प्रशिक्षकों द्वारा सुशोभित डेरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय द्वारा कौशल विकास के लिए पांचदिवसीय उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.
महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. लोकेश गुप्ता ने बताया कि महाविद्यालय के द्वारा रोजगारपरक प्रशिक्षण के साथसाथ दुग्ध एवं खाद्य प्रसंस्करण और अभिनव दुग्ध एवं खाद्य उत्पाद के बारे में उद्यमियों को समयसमय पर तकनीकी कौशल प्रदान किया जाता है.
उन्होंने बताया कि वर्तमान में महाविद्यालय में 4 प्रशिक्षण इकाइयां कार्यरत हैं और विद्यार्थियों के साथ उद्यमियों को इन चारों इकाइयों में नियमित प्रयोगात्मक प्रशिक्षण दिया जाता है. साथ ही, विशिष्ट मार्गदर्शन के लिए समयसमय पर विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया जाता है. महाविद्यालय के द्वारा कई बार कौशल विकास कार्यक्रम भी आयोजित किए गए, जिस में राज्य के ही नहीं, बल्कि देश के उद्यमियों ने पूरी रुचि एवं उत्साह के साथ भाग ले कर अपना तकनीकी कौशल बढ़ाया है.
उन्होंने यह भी कहा कि महाविद्यालय के तकनीकी रूप से उत्कृष्ट दुग्ध प्रसंस्करण इकाई में दुग्ध के विभिन्न मूल्य संवर्धित उत्पाद जैसे लस्सी, श्रीखंड, पनीर इत्यादि बनाए जाते हैं. इस इकाई में भी कई उद्यमियों को विशिष्ट प्रशिक्षण महाविद्यालय द्वारा प्रदान किया गया है. महाविद्यालय द्वारा प्रशिक्षित उद्यमियों ने उद्योग जगत में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है.
डा. लोकेश गुप्ता ने बताया कि महाविद्यालय द्वारा ‘स्वच्छ दुग्ध उत्पादन एवं उत्पाद प्रसंस्करण’ पर पांचदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों एवं उद्यमियों का प्रयोगात्मक प्रशिक्षण के द्वारा स्वकौशल विकसित करना है. साथ ही, उद्यमिता विकास के लिए संपूर्ण तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी. विशिष्ट मार्गदर्शन के लिए विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया गया है.
कौशल विकास कार्यक्रम समन्वयक डा. निकिता वधावन ने बताया कि महाविद्यालय को भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मंझले उद्यम मंत्रालय द्वारा पांच उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित करने की महती जिम्मेदारी प्रदान की गई थी. उसी क्रम में महाविद्यालय द्वारा उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. महाविद्यालय द्वारा ‘स्वच्छ दुग्ध उत्पादन एवं उत्पाद प्रसंस्करण’ पर आयोजित इस उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम में पूरे उदयपुर संभाग से 20 प्रतिभागी पूर्णतया निःशुल्क भाग ले रहे हैं.
इस उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम में दूध दुहने की परंपरागत विधि के साथ आधुनिक मशीनीकृत दुहने की विधियों का श्रवण दृश्य संसाधनों के द्वारा प्रायोगिक अध्यापन कराया जा रहा है. साथ ही, सभी विधियों के फायदे एवं नुकसान भी बताए जा रहे हैं. इस उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम में परंपरागत दुग्ध उत्पाद जैसे पनीर, आइसक्रीम, मावा, चीज, घी इत्यादि के साथ अभिनव उत्पादों के प्रसंस्करण पर भी विशेष सत्र आयोजित किए जा रहे हैं, जिन में प्रयोगात्मक ज्ञानवर्धन के लिए इंडस्ट्री एवं अकादमिक क्षेत्र के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है. इस कार्यक्रम में पशुओं के आहार एवं स्वास्थ्य से जुड़ी शंकाओं और समस्याओं के निराकरण के लिए विशेष सत्र का भी आयोजन किया गया है, ताकि स्वस्थ पशुओं से पौष्टिकता से परिपूर्ण दूध का उत्पादन किया जा सके.
इस तरह से इस उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम में पशुओं की सारसंभाल से शुरुआत कर दूध दुहने की प्रकिया, विभिन्न उत्पादों का प्रसंस्करण, गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के लिए संयंत्र की संस्थापना, विभिन्न सरकारी मानकों का उपयुक्त परिपालन एवं विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है. इस के लिए विषय विशेषज्ञों से शंका, समाधान और वार्तालाप के साथ अन्य संस्थाओं का भ्रमण भी कराया जा रहा है. कार्यक्रम के सभी नियमित प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा.