गोवा : केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने गोवा में सीएलएफएमए औफ इंडिया की दोदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया. सीएलएफएमए औफ इंडिया देश में पशुधन क्षेत्र का सब से बड़ा संगठन है. इस अवसर पर सीएलएफएमए औफ इंडिया के अध्यक्ष सुरेश देवड़ा; पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्यपालन मंत्रालय में पशुपालन आयुक्त डा. अभिजीत मित्रा और पशुपालन एवं डेयरी विभाग के पूर्व संयुक्त सचिव ओपी चौधरी भी उपस्थित थे.
अपने संबोधन में राजीव रंजन ने पशुपालन में घरेलू समाधानों को बढ़ावा देने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए केंद्र सरकार के महत्वपूर्ण प्रयासों के बारे में बताया. उन्होंने असंगठित डेयरी क्षेत्र को संगठित करने और चारे की कमी को दूर करने के उद्देश्य से जारी कई योजनाओं का भी उल्लेख किया. सीएलएफएमए की पहल की प्रशंसा करते हुए उन्होंने उम्मीद जताई कि इस तरह की चर्चाओं से सरकार को नीति बनाने में मदद मिलेगी.
सुरेश देवड़ा ने भारतीय अर्थव्यवस्था में पशुधन क्षेत्र के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह किसानों और पशुपालन से जुड़े लोगों को रोजगार प्रदान करता है. इस उद्योग का सालाना कारोबार 12 लाख करोड़ रुपए है. उन्होंने कहा कि अंडे, मांस, दूध और पनीर जैसे उच्च गुणवत्ता वाले पशुधन उत्पादों की दुनियाभर में मांग लगातार बढ़ रही है.
डा. अभिजीत मित्रा ने भारत के पशुधन क्षेत्र को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार, उद्योग और अनुसंधान संस्थानों के बीच बेहतर तालमेल बनाने और सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया. कार्यक्रम में सीएलएफएमए औफ इंडिया ने ओपी चौधरी को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया.