हिसार : लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, हिसार के पशु चिकित्सा जनस्वास्थ्य एवं महामारी विज्ञान विभाग में क्रोमैटोग्राफी तकनीकों के प्रयोग द्वारा खाद्य एवं पर्यावरण संबंधी नमूनों में दूषित पदार्थों (संदुष्कों) की जांच विषय पर तीनदिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डा. विनोद कुमार वर्मा के दिशा निर्देशन में किया गया.
इस कार्यशाला के समापन समारोह में डा. सज्जन सिहाग, अधिष्ठाता, डेयरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए.
इस अवसर पर डा. सज्जन सिहाग ने कहा कि इस कार्यशाला में सभी प्रतिभागी निश्चित रूप से लाभान्वित हुए होंगे और इन क्रोमैटोग्राफी तकनीकों को अपनेअपने कार्यक्षेत्रों में प्रयोग करने के लिए सभी प्रतिभागियों को प्रेरित किया.
डा. सज्जन सिहाग ने इन क्रोमैटोग्राफी आधारित तकनीकों से संबंधित कार्यशालाओं को भविष्य में आयोजन करने और इन के प्रयोग द्वारा खाद्य व पशुओं के खाद्य पदार्थों में विभिन्न टौक्सिकनों की जांच के लिए तकनीकों के प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया.
सभी प्रतिभागियों को दिए गए मुख्य अतिथि द्वारा प्रमाणपत्र
प्रशिक्षण के सफल आयोजन के बारे में जानकारी देते हुए पशु चिकित्सा जनस्वास्थ्य एवं महामारी विज्ञान के विभागाध्यक्ष एवं निदेशक मानव संसाधन एवं प्रबंधन डा. राजेश खुराना ने बताया कि इस तीनदिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में प्रदेश के विभिन्न संस्थानों के 20 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया.
उन्होंने बताया कि भविष्य में भी क्रोमैटोग्राफी तकनीकों से संबंधित अन्य तरीकों एवं उन के उपयोग पर भी कार्यशालाओं एवं प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा.
इस कार्यक्रम का संचालन विभाग के प्राध्यापक एवं प्रशिक्षक संयोजक डा. विजय जाधव द्वारा किया गया. डा. विजय जाधव ने प्रतिभागियों से इस कार्यशाला से हुए फायदे व भविष्य में इस को अधिक प्रभावी तरीके से आयोजन करने के लिए फीडबैक लिया.
इस अवसर पर विभाग के अन्य संकाय सदस्य डा. दिनेश मित्तल, डा. रेनू गुप्ता, डा. पल्लवी मुदगिल एवं डा. मनेश कुमार भी उपस्थित रहे. कार्य्रकम के अंत में धन्यवाद प्रस्ताव डा. विजय जाधव द्वारा प्रस्तुत किया गया.