दिल्‍ली प्रैस की कृषि से जुड़ी पत्रिका ‘फार्म एन फूड’ की ओर से उत्‍तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित कृषि सम्‍मान अवार्ड 2024 में राममूर्ति मिश्र को  ‘बैस्‍ट फार्मर अवार्ड अन इनोवेटिव फार्मिंग’ का सम्‍मान  दिया गया.  उप्र के बस्‍ती जनपद के रहने वाले राममूर्ति मिश्र का कृषि में योगदान के बारे में जानकार हैरान रह जाएंगे. यहां पढ़ें –

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कोर्ट से खेत तक का सफर

राम मूर्ति मिश्र के पास कानून की डिगरी और शुरुआत के 5 साल तक उन्होंने प्रयागराज हाईकोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस भी की थी. लेकिन बड़े भाइयों के बड़े ओहदों पर नियुक्ति होने और विदेशों में बसने के चलते उन के पिताजी खेतीबारी में अकेले पड़ गए थे. ऐसे में उन्होंने हाईकोर्ट के वकालत का पेशा छोड़ कर खेतीबारी करने का मन बनाया.तकरीबन 25 साल पहले प्रयागराज से गांव वापस आ कर राम मूर्ति मिश्र ने खेतीबारी की बागडोर को संभाल लिया. उन्होंने खेती की लागत में कमी लाने के लिए नई टैक्नोलौजी, यंत्रीकरण, उन्नत बीजों का प्रयोग करना शुरू किया. इस से खेती में आने वाली लागत में काफी कमी आई और मुनाफा भी बढ़ा.

पराली प्रबंधन से रहे हैं जुड़े

राम मूर्ति मिश्र ने सिद्धार्थ फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के डायरैक्टर के तौर पर पराली प्रबंधन और जैविक खेती को ध्यान में रखते हुए अपने एफपीओ के सदस्य और गैरसदस्य पशुपालक किसानों को 2 ट्रौली पराली के बदले एक ट्रौली गोबर की खाद दिए जाने की पहल की शुरुआत की है.
राम मूर्ति मिश्र के जिले के किसान अपनी पराली पशुपालकों के साथ आपस में साझा कर रहे हैं, जहां पर उन को 2 ट्रौली पराली देने पर एक ट्रौली गोबर मिल जाता है. इस गोबर को किसान जैविक खाद के रूप में अपने खेतों में प्रयोग कर रहे हैं. खेतों में पराली जलाने के बजाय अब किसान अपनी पराली की समस्या को बहुत ही आसान तरीके से समाधान कर रहे हैं, जिस से उन को पराली की समस्या से नजात तो मिली है, बदले में उन के खेतों के लिए जैविक खाद के रूप में गोबर भी मुफ्त में मिल रहा है.

ड्रिप इरिगेशन सिस्‍टम पर यकीन

राम मूर्ति मिश्र के द्वारा कृषि विविधीकरण का सफल मौडल अपनाया गया है, जिस से आय में वृद्धि हुई है. उन के द्वारा सब्जी और अनाज की अंतःफसलें ली जाती हैं और मिश्रित खेती से जोखिम व लागत में कमी ला कर लाभ को बढ़ाने में कामयाबी मिली है.
राम मूर्ति मिश्र के द्वारा सब्जी की समस्त फसल में उद्यान विभाग के अनुदान से ड्रिप इरिगेशन सिस्टम लगाया गया है. इस से जल उपयोग एफिशिएंसी के अत्यधिक होने से वे तकरीबन 50 से 70 फीसदी पानी की बचत करने में कामयाब रहे हैं और उन्हें प्रति हेक्टेयर 50 फीसदी तक फसल उत्पादन में वृद्धि करने में कामयाबी मिली है. उन के इस प्रयास से फर्टिलाइजर में भी बचत हुई. उन के द्वारा खेती में ड्रिप सिस्टम अपनाने से न केवल 30 से 40 फीसदी ऊर्जा की बचत करने में कामयाबी मिली है, बल्कि इस पद्धति के प्रयोग से पौधों की अच्छी बढ़वार भी संभव हो पाई है.

कालाधान की प्रो‍सेसिंग में विशेष योगदान

राम मूर्ति मिश्र के द्वारा कीट व बीमारियों के नियंत्रण के लिए जैव कवकनाशी व कीटनाशी का सौ फीसदी उपयोग किया जाता है, जिस में ट्राईकोडर्मा, बावेरिया बैसियाना सहित दसपर्णी, पंचपर्णी सहित खुद के द्वारा निर्मित जैविक उत्पादों का प्रयोग कीट व बीमारियों के नियंत्रण व प्रबंधन के लिए किया जाता है. साथ ही, उन के द्वारा इन दिनों कालानमक धान और श्रीअन्न का प्रसंस्करण यानी प्रोसैसे कर उस का मूल्य संवर्धन किया जा रहा है, जिस से उन्हें 3 से 4 गुना ज्यादा मुनाफा प्राप्त हो रहा है.

राम मूर्ति मिश्र के द्वारा प्रसंस्करण के बाद कालानमक धान और मोटे अनाज के मौलिक गुणों को बचाए रखने के लिए पैकिंग के लिए मटके का उपयोग किया जाता है. इस से उत्पाद न केवल देखने में सुंदर लगता है, बल्कि उस के मूल गुण सुरक्षित रहते हैं और मूल्य सामान्य से दोगुना ज्यादा मिलता है.

जैव उर्वरकों और जैव कीटनाशकों को घर पर तैयार किया

राम मूर्ति मिश्र के सहयोग से कृषि महकमे में वर्मी कंपोस्ट की स्थापना की गई है, जिस का उपयोग सब्जियों की खेती में किया जाता है. इस के अलावा सागरिका, वैस्ट डीकंपोजर जैसे दर्जनों जैविक उत्पादों का प्रयोग फसल उत्पादन में किया जा रहा है.
राम मूर्ति मिश्र जैव उर्वरकों और जैव कीटनाशकों को घर पर ही तैयार करते है. अलगअलग तरीकों से जैविक खाद तैयार किया जाता है. आप के द्वारा जैव उर्वरक भी तैयार किए गए हैं. वे वैस्ट डीकंपोजर के जरीए पराली की समस्या को नियंत्रित करते हैं. महज 20 रुपए में वैस्ट डीकंपोजर की एक सीसी आती है.
राम मूर्ति मिश्र के द्वारा सिद्धार्थ फार्मर प्रोडूसर कंपनी लिमिटेड का गठन किया गया है, जिस में वे डायरैक्टर और अध्यक्ष पद पर हैं. उन की अगुआई में इस एफपीसी द्वारा लगभग 300 सदस्य किसानों की आय में वृद्धि करने में कामयाबी पाई गई है. इन सदस्य किसानों, जिस में महिला किसान भी सदस्य हैं, के जरीए कालानमक धान की खेती कराई जा रही है. उन के उत्पाद को खरीदनेबेचने में मदद की जा रही है, जिस से उन्हें वाजिब कीमत मिल पा रही है.

राम मूर्ति मिश्र की अगुआई में श्रीअन्न की खेती करने वाले किसानों के साथ मिल कर प्रोसैसिंग प्लांट की स्थापना का बिजनैस प्लान तैयार किया गया है. जल्द ही प्रोसैसिंग प्लांट स्थापित किया जाएगा. अभी उन के साथ जुड़े सभी किसान पारंपरिक तरीके से प्रोसैसिंग कर अपनी आय में वृद्धि करने में कामयाब हो रहे हैं.

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