आमतौर पर विश्व में अकेसिया बबूल की 1200 से भी ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं. भारत में लगभग सभी जगह पाया जाने वाला बबूल भी इसी अकेसिया की एक प्रजाति है. पान में जिस कत्था को हम खाते हैं, वह भी इसी की एक अन्य प्रजाति की लकड़ी से प्राप्त किया जाता है.
आज हम इस की एक विशेष प्रजाति की चर्चा कर रहे हैं, जिस का आस्ट्रेलिया और अन्य कई देशों में बहुत बड़े पैमाने पर व्यावसायिक रोपण किया गया है और इस से वहां के किसान भरपूर मुनाफा कमा रहे हैं. इस की लकड़ी का व्यापार जगत में लोकप्रिय नाम आस्ट्रेलियन टीक है. बेहतरीन, खूबसूरत, टिकाऊ, बहुमूल्य लकड़ी के सभी प्रमुख गुणों जैसे कठोरता, घनत्व, मजबूती एवं लकड़ी में पाए जाने वाले रेशों के मापदंड पर इस की लकड़ी आजकल पाए जाने वाले सागौन से कहीं भी उन्नीस नहीं बैठती. यही कारण है कि अल्पकाल में ही इस ने न केवल अपार लोकप्रियता हासिल की कर ली है और लकड़ी के व्यापार में बहुत बड़ा मुकाम बना लिया है.
भारत हर साल लगभग 40 लाख करोड़ रुपए की लकड़ी व नौनटिंबरवुड आयात करता है. बिहार से इस की खेती करने पर किसानों को न केवल बेहतरीन आमदनी होगी, बल्कि देश की बहुमूल्य विदेशी पैसे की बचत भी होगी.
यह एक तेजी से बढ़ने वाली प्रजाति है, जो न केवल उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करती है, बल्कि इस की लकड़ी का व्यापारिक मूल्य भी अत्यधिक है.
मौडर्न तो श्री हर्बल फार्म 2017 सैंटर पर पिछले 30 सालों में किए गए प्रयोगों से यह स्पष्ट हो गया कि इस की बढ़वार लंबाई और मोटाई दोनों ही मामलों में महोगनी, शीशम, मिलिया डुबिया, मलाबार नीम और टीक की अन्य प्रजातियों की तुलना में सर्वाधिक है. कई मामलों में तो इस की वृद्धि इन सब से दोगुनी तक पाई गई है. इस की विशेषता तेज वृद्धि, उच्च गुणवत्ता की लकड़ी और मिट्टी को समृद्ध करने की क्षमता में निहित है.
वर्तमान में देश में उपलब्ध सब से तेजी से बढ़ने वाली और उच्चतम गुणवत्ता की लकड़ी उत्पादन देने वाली एकेसिया मंगियम (Acacia Mangium) की एकमात्र विकसित प्रजाति एमएचएटी-16 (MHAT-16) है, जिसे ‘मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म्स एवं रिसर्च सेंटर’, कोंडागांव ने पिछले कई दशकों के प्रयास से विकसित किया है. यह न केवल बेहतर गुणवत्ता की लकड़ी उत्पादन देती है, बल्कि मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा भी बड़ी तेजी से बढ़ाती है, जिस से यह एक टिकाऊ और लाभकारी और इकोफ्रैंडली विकल्प बन जाती है.
सही पौधे का चयन : सफलता की कुंजी
एकेसिया मंगियम (Acacia Mangium) वृक्षारोपण की सफलता सब से पहले इस बात पर निर्भर करती है कि कौन से पौधे चुने जाते हैं. इस प्रजाति में चयन करने की दिक्कत इसलिए बढ़ जाती है कि ज्यादातर प्रजातियों के पत्ते लगभग एकजैसे ही दिखाई देते हैं, लेकिन असली फर्क लकड़ी की गुणवत्ता में रहता है. एमएचएटी-16 (MHAT-16) प्रजाति का पौधा अपने तेजी से विकास और मजबूत जड़ प्रणाली के लिए प्रसिद्ध है. पौधे के स्वास्थ्य, उस की जड़ प्रणाली और तने की मोटाई जैसे कारकों को ध्यान में रखना चाहिए. उच्च शूट/रूट (shoot/root) अनुपात वाले पौधे तेजी से बढ़ते हैं और विपरीत परिस्थितियों में बेहतर जीवित रहते हैं.
मुख्य बिंदु :
– पौधा रोगमुक्त और कीटमुक्त होना चाहिए.
– अच्छी तरह से विकसित जड़ प्रणाली (lateral root system) होना चाहिए.
– तना मजबूत और काष्ठीय होना चाहिए.
पौधों का रोपण : समय पर और सही जगह :
एकेसिया मंगियम (Acacia Mangium) एमएचएटी-16 (MHAT-16) के पौधों को 3 से 5 महीने की आयु के बाद रोपण के लिए तैयार किया जा सकता है. इस के पौधे पौलीबैग या रूट ट्रेनर्स (root trainers) में उगाए जाते हैं. वर्षा ऋतु रोपण के लिए सर्वोत्तम समय है. हालांकि सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो, तो इसे शीत ऋतु में भी लगाया जा सकता है. जिस किसान के पास ड्रिप इरीगेशन की सुविधा हो, तो वे इसे मध्य मार्च तक भी लगा सकते हैं.
मुख्य बिंदु :
– पौधों की ऊंचाई 25-40 सैंटीमीटर होनी चाहिए.
– रोपण के लिए मानसून का समय आदर्श होता है.
कटिंग से पौधों का उत्पादन : एक सस्ती और कारगर विधि :
एकेसिया मंगियम (Acacia Mangium) की इस विशेष प्रजाति के पौधे मुख्य रूप से स्टेम कटिंग (stem cuttings) के माध्यम से उगाए जाते हैं. एमएचएटी- 16 (MHAT-16) प्रजाति की कटिंग से उगाए गए पौधे तेजी से बढ़ते हैं और उन की जड़ प्रणाली मजबूत होती है. कटिंग्स को आईबीए (IBA (Indole-3-butyric acid) के विशेष अनुपात के साथ उपचारित किया जाता है, ताकि जड़ें जल्दी विकसित हों.
मुख्य बिंदु :
– जड़ों के तीव्र गति से विकास के लिए वर्मी कंपोस्ट और साफसुथरी रेती का मिश्रण सब से उपयुक्त होता है.
सिंचाई :
पौधों की वृद्धि की आवश्यकता : एकेसिया मंगियम (Acacia Mangium) एमएचएटी -16 (MHAT-16) के पौधों को नर्सरी अवस्था में तो नियमित नमी की आवश्यकता होती है. पौधों को हर दूसरे दिन पानी देना चाहिए, विशेषकर गरम मौसम में. इस से पौधों का विकास तेजी से होता है और उन के मुरझाने की संभावना कम होती है. खेतों में लगाने के बाद एक बार भलीभांति जड़ पकड़ लेने के बाद इसे कोई विशेष सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती. हालांकि सिंचाई करते रहने पर इस के वृद्धि दर में बहुत अच्छे परिणाम देखे गए हैं.
मुख्य बिंदु :
– पौधों में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें.
– गरम मौसम में पौधे की हालत को देखते हुए पानी की मात्रा और आवृति तय करें.
ग्रेडिंग : गुणवत्ता का मानक :
एकेसिया मंगियम (Acacia Mangium) के पौधों की ग्रेडिंग से यह सुनिश्चित किया जाता है कि केवल उच्च गुणवत्ता वाले पौधों का रोपण किया जाए. एमएचएटी-16 (MHAT-16) प्रजाति के पौधों की जड़ प्रणाली मजबूत होती है और तने की मोटाई अच्छी होती है, जो प्लांटेशन की सफलता को सुनिश्चित करता है.
मुख्य बिंदु :
– उच्च गुणवत्ता वाले पौधों का उपयोग प्लांटेशन की सफलता के लिए अनिवार्य है.
– ग्रेडेड पौधों के रोपण से पौधे खेतों में बहुत कम मरते हैं और दोबारा रोपण की आवश्यकता कम होती है.
संभावित आर्थिक लाभ : निवेश का सुनहरा अवसर
एकेसिया मंगियम (Acacia Mangium) एमएचएटी-16 (MHAT-16) से प्राप्त लकड़ी उच्च गुणवत्ता की होती है. कई मायनों में यह आजकल मिलने वाली टीक की लकड़ी से भी बेहतर होती है. लगभग 10 साल बाद प्रत्येक पेड़ से औसतन 30-40 घन फीट लकड़ी प्राप्त की जा सकती है. इस की वर्तमान बाजार दर 1000-1500 प्रति घन फीट है. यदि एक एकड़ में लगाए गए 800 पेड़ों में से 600 पेड़ भी सफलतापूर्वक विकसित होते हैं, तो 10 वर्षों के बाद होने वाली कुल आय करोड़ों रुपए में हो सकती है.
आयव्यय के वास्तविक आंकड़े और विश्लेषण:-
(स्रोत:मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म्स एवं रिसर्च सैंटर, कोंडागांव, छत्तीसगढ़)
एक एकड़ में औसतन लगेंगे कुल पौधे – 800
प्रति पौधा लागत रु.100-150 औसतन – 125
कुल प्रारंभिक खर्च – 1,16,000
रखरखाव लागत (प्रति वर्ष) प्रति एकड़ – 10,000
(नोट: क्षेत्रफल बढ़ने पर या राशि कम होती जाती है.)
कुल 10 वषों में कुल रखरखाव लागत 10000×10=₹1,00,000.
कुल खर्च (10 वर्षों) में 116000 + 100000 =₹2,16,000 (2 लाख, 16 हजार रुपए)
आमदनी :
औसतन लकड़ी उत्पादन प्रति पेड़ – 35 घन फीट
लकड़ी की संभावित औसतन न्यूनतम कीमत (टीक के औसतन मूल्य 5000 प्रति क्यूबिक फीट का केवल 25= 1250 प्रति घन फीट
लगाए गए 800 पेड़ों में से केवल 600 उत्पादक पेड़ों से कुल लकड़ी – 600 x35 = 21,000 घन फीट,
लकड़ी का मूल्य = 1250× 21000 रुपए घन फीट – 2,62,5000 (2 करोड़, 62 लाख, 50 हजार रुपए)
कुल आय (10 वर्षों में) – 2,62,50,000 रुपए
शुद्ध आय (10 वर्षों में) कुल आय 26250000- कुल खर्च 216000= 2,60,34,000 रुपए
प्रति वर्ष औसत आय – 26034000 ÷ 10 वर्ष = 26,03,400 (लगभग छ्ब्बीस लाख रुपए) सालाना
नोट : यह गणना प्राप्त होने वाली लकड़ी के संभावित न्यूनतम मूल्य 1250 रुपए के बीच फीट पर की गई है और एक एकड़ के 800 पेड़ों में से केवल 600 पेड़ों के औसत उत्पादन की गणना की गई है. पौधों की बेहतर देखभाल से उत्पादन में वृद्धि और लकड़ी का सही मूल्य मिलने पर एक एकड़ की आमदनी इस से दोगुनी अर्थात 5 करोड रुपए प्रति एकड़ तक भी हो सकती है.)
अतिरिक्त आय : आस्ट्रेलियन टीक (MHAT-16) के पेड़ों पर काली मिर्च एमडीबीपी-16 (MDBP-16) की बेल चढ़ा कर को 5 लाख से ले कर 15 लाख रुपया सालाना की अतिरिक्त आय प्राप्त की जा सकती है. आस्ट्रेलियन टीक और काली मिर्च के अलावा वृक्षारोपण के बीच खाली पड़ी 50 फीसदी भूमि पर अंतरवर्ती फसल के रूप में औषधि और सुगंधी पौधों की खेती से भी अतिरिक्त कमाई की जा सकती है.
आस्ट्रेलियन टीक (MHAT-16) प्रजाति तेजी से बढ़ने वाली, टिकाऊ और अत्यधिक लाभदायक प्रजाति है, जो न केवल उच्च गुणवत्ता की लकड़ी प्रदान करती है, सालभर में अपनी पत्तियों से लगभग 6 टन बेहतरीन हरी खाद भी देता है.
इस के अलावा यह अपनी तरह का एकलौता पौधा है, जो वायुमंडल की नाइट्रोजन को ले कर धरती में इतनी ज्यादा मात्रा में नाइट्रोजन स्थिरीकरण करता है कि इसे जैविक नाइट्रोजन की फैक्टरी भी कहा जाता है. इस के रोपण से प्राप्त होने वाले आर्थिक लाभ और कम लागत ने आज इसे किसानों और निवेशकों के लिए एक आदर्श विकल्प बना दिया है.
आस्ट्रेलियन टीक (MHAT-16) प्रजाति की विशेषताएं इसे अन्य किस्मों से बेहतर बनाती है, जिस से यह निवेश का सुनहरा अवसर देती है.
मुख्य लाभ :
– तेजी से बढ़ने वाली प्रजाति (MHAT-16)
– उच्च गुणवत्ता वाली लकड़ी का उत्पादन
– नाइट्रोजन स्थिरीकरण से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार
– अंतरवर्ती फसलों से अतिरिक्त आय
– साल में इस के पत्तों से लगभग 6 टन की बेहतरीन गुणवत्ता की हरी खाद का उत्पादन
– इस पेड़ पर काली मिर्च चढ़ाने पर इस से मिलने वाली नाइट्रोजन और पत्तों की हरी खाद के कारण काली मिर्च का उत्पादन कई गुना बढ़ गया है और इस से किसान की आमदनी में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है.
सुझाव :
एकेसिया मंगियम (Acacia Mangium) एमएचएटी- 16 (MHAT-16) प्लांटेशन को आर्थिक समृद्धि और पर्यावरणीय संरक्षण के दृष्टिकोण से एक आदर्श योजना माना जा सकता है. इस का सही प्रबंधन और देखभाल आप के निवेश को बड़े पैमाने पर लाभदायक बना सकता है.
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आंकड़ों का स्रोत : ‘मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म्स एवं रिसर्च सैंटर, कोंडागांव, छत्तीसगढ़)