बस्ती : देशभर में आम की उन्नत देशी, विदेशी और रंगीन आम की किस्मों के लिए विख्यात उद्यान महकमे के बंजरिया में स्थित ‘इंडोइजरायल औफ एक्सीलेंस फौर फ्रूट’ में तैयार किए जाने वाले कलमी आम के पौधों की दरों में बढ़ोतरी की गई है, वहीँ जिले के बाहर से आने वाले बागबान अब केंद्र में उपलब्ध आम के मदर प्लांट से खरीद कर खुद ही अपने बगीचे में उन्नत किस्मों के पौध तैयार कर सकेंगे. इस के अलावा बंजरिया स्तिथ पौधशाला में पौध उत्पादन की क्षमता बढ़ाने के लिए भी शासन को प्रस्ताव भेजा गया है.

पौधशाला की क्षमता बढ़ाने के लिए भेजा गया प्रस्ताव

बस्ती के उद्यान महकमे में संयुक्त निदेशक उद्यान वीरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि बंजरिया स्थित इंडोइजरायल औफ एक्सीलेंस फौर फ्रूट आम की उन्नत किस्मों के पौध उत्पादन के उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश में अग्रणी है.

उन्होंने बताया कि केंद्र पर वेंटीलेटेड पौलीहाउस व नेटहाउस तैयार होने वाले पौधों को सरकारी रेट पर उपलब्ध कराया जाता है. उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र के पौध उत्पादन की क्षमता तकरीबन 30,000 पौधों की है, जबकि यहां उत्तर प्रदेश के जिलों के अलावा देश के तमाम हिस्सों से लोग आम के पौधे खरीदने आते हैं. ऐसे में मांग की अपेक्षा अभी भी पौधे तैयार नहीं हो पा रहे हैं. इसीलिए पौधशाला में पौध उत्पादन की क्षमता बढ़ाने के लिए भी शासन को प्रस्ताव भेजा गया है. अगर शासन द्वारा प्रस्ताव स्वीकार किया गया, तो केंद्र के पौधशाला के पौध उत्पादन की क्षमता दोगुनी हो जाएगी.

संयुक्त निदेशक उद्यान, बस्ती, वीरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि पिछले कई वर्षों से पौधशाला में बहुत कम दाम पर आम के पौधे किसानों और बागबानों को उपलब्ध कराया जा रहा था, जबकि पौधों के तैयार करने की लागत बिक्री दर से दोगुने से भी ज्यादा थी. इसलिए निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, उत्तर प्रदेश ने पत्र प्रेषित कर केंद्र में तैयार होने वाले आम के पौधों की दरों में संशोधन किया है.

संयुक्त निदेशक उद्यान वीरेंद्र सिंह यादव ने कहा कि केंद्र पर तैयार होने वाले आम के रंगीन पौधे जैसे अंबिका, अरुनिका, पूसा सूर्या, पूसा श्रेष्ठ, पूसा लालिमा, पूसा पीतांबर, पूसा प्रतिभा, टौमी एटकिंस, सेंसेशन, पूसा मनोहरी सहित एक्सपोर्ट किस्मों की पौध तैयार करने की लागत दर तकरीबन 120 रुपए आती है, जिसे अब 122 रुपए प्रति पौध की दर से बेचा जाएगा, वहीँ आम की परंपरागत किस्में जैसे दशहरी, वाराणसी लंगड़ा, लखनऊ सफेदा सहित अन्य किस्मों की लागत दर सौ की अपेक्षा 102 रुपए में उपलब्ध होंगी.

बाहर के किसान घर पर तैयार कर सकेंगे पौधे

संयुक्त निदेशक उद्यान वीरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि जिले व राज्य से बाहर के किसानों के लिए यहां से तैयार पौधों को खरीद कर ले जाने में परेशानी होती थी, क्योंकि एक पौध में तकरीबन 6 किलोग्राम मिट्टी का उपयोग होता है. ऐसे में परिवहन के दौरान पौधों के नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती थी. लेकिन अब किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए आम के मदर प्लांट से पौधे खरीद कर खुद ही अपने घर पर लगाने की सुविधा प्रदान की गई है.

उन्होंने बताया कि केंद्र द्वारा इस सुविधा के शुरू किए जाने से रंगीन आम की किस्मों के पौधों की डिमांड पूरी करने की समस्या का समाधान किया जा सकेगा.

एक पौध में कई किस्मों के आम का पौध भी होता है तैयार, तय हुआ बिक्री मूल्य

संयुक्त निदेशक उद्यान, बस्ती, वीरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि केंद्र में एक मूलवृंत यानी बीजू पौधे में ग्राफ्टिंग द्वारा 4 से 6 किस्मों के पौधों की कलम बांधी जा रही है, जिस में एक पौधे के वास्तविक बिक्री मूल्य के साथ प्रति ग्राफ्ट 50 रुपया अतरिक्त भुगतान करना होगा.

उन्होंने बताया कि बस्ती के बंजरिया स्थित पौधशाला के पौधों की गुणवत्ता और किस्मों के चलते हर रोज सैकड़ों की संख्या में बाहर से बागबान पौधे खरीदने आते हैं. स्थानीय और बाहर से आने वाले सभी लोगों को किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े, इस के लिए महकमा उन का पूरा खयाल रखता है.

उन्होंने बताया कि बस्ती का उद्यान विभाग पौधों की बिक्री से प्रदेश में सब से ज्यादा राजस्व अर्जित करने वाली पौधशालाओं में शामिल है, जिसे दोगुना करने का प्रयास किया जा रहा है.

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