आजकल आम का सीजन जोरों पर है. ज्यादातर किसानों ने आम को तोड़ कर मंडियों में भेज दिया है. कुछ किसानों ने फसल को खुद पकने के लिए छोड़ भी रखा होगा. जिन किसानों के बाग 10 साल या उस से ज्यादा पुराने हैं, उन को अब अपने बागों में उर्वरक प्रबंधन करना चाहिए, ताकि अगले साल भी फल आ सकें. इस के लिए सड़ी गोबर की खाद, डीएपी, पोटाश, बोरैक्स एजोटोबैक्टर, पीएसबी, माइकोराइजा को मिला कर मिश्रण तैयार कर लें.

इस मिश्रण को तने से एक मीटर की दूरी पर पेड़ की पूरी कैनोपी के नीचे मिट्टी में मिला कर हलकी सिंचाई करें और बाद में नमी रहने पर चूना, जिंक सल्फेट और यूरिया को भी मिट्टी में मिला दें. इस खाद की आधा मात्रा को फल तोड़ने के बाद जुलाई महीने में और बाकी आधी मात्रा नवंबर महीने में बाग में डालें.

आम के बाग का उर्वरक प्रबंधन

आम के लिए मिट्टी का पीएच मान 7.00 और जीवांश कार्बन 1-3 फीसदी तक सब से अच्छा रहता है.

खाद की मात्रा

गोबर की खाद : 100 ग्राम प्रति पेड़

पोटाश : 1 किलोग्राम प्रति पेड़

जिंक सल्फेट : 200 ग्राम प्रति पेड़

बोरैक्स : 100 ग्राम प्रति पेड़

कौपर सल्फेट : 100 ग्राम प्रति पेड़

केंचुए की खाद : 5 किलोग्राम प्रति पेड़

माइकोराइजा : 100 ग्राम प्रति पेड़

एजोटोबैक्टर : 100 ग्राम प्रति पेड़

सारी मात्रा को बताई गई विधियों के मुताबिक ही इस्तेमाल करें. ज्यादा जानकारी के लिए कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से संपर्क करें.

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