कहते हैं कि स्वच्छ वातावरण, साफ हवा और खुश मन, ये तीनों ही जरूरी होते हैं एक स्वस्थ शरीर के लिए, लेकिन, आज बड़ेबड़े शहरों में छोटेछोटे फ्लैट्स में रहने का चलन तेजी से बढ़ता नजर आ रहा है. और शायद यही एक वजह है, जिस के चलते आज हम शुद्ध वातावरण और साफ हवा से कहीं दूर होते जा रहे हैं, जो सीधा हमारी सेहत पर असर डाल रहे हैं. ऐसे में वर्टिकल गार्डनिंग का चलन तेजी से देखा जा सकता है.

तो क्या है यह वर्टिकल गार्डनिंग का कौंसेप्ट, बता रहे हैं यहां :

क्या है वर्टिकल गार्डनिंग?

यह एक ऐसी व्यवस्था है, जिस के द्वारा आप फ्लैट्स के अंदर कम जगह में ही अपनी सेहत के लिए जरूरी पौधों और फूलों को दीवार या जमीन पर एक सपोर्ट देते हुए पंक्तिबद्ध तरीके से लगवा सकती हैं.

इन पौधों और फूलों की सहायता से आप अपने घर के अंदर और आसपास के वातावरण में मौजूद कार्बनडाईऔक्साइड जैसे हानिकारक तत्त्वों को दूर कर खुद और अपने परिवार के सदस्यों को स्वच्छ हवा देने के साथसाथ अपने इंटीरियर को भी दे सकती हैं एक नया और स्टाइलिश लुक.

कैसे काम करता है वर्टिकल गार्डनिंग का ढांचा?

आप के फ्लैट्स के अनुसार वर्टिकल गार्डन के लिए मैटल के स्टैंडनुमा ढांचे बाजार में अब हर साइज और शेप में उपलब्ध हैं. इन के अंदर छोटेछोटे गमलों को एक कतार में उन की साइज और शेप के अनुसार उचित दूरी पर स्टैपल कर के रखा जाता है.

इस के बाद पौधों में आवश्यक मिट्टी और खाद इत्यादि मिलाने के बाद उन्हें पानी देने के लिए इस पूरे स्ट्रक्चर में पाइप का एक पैटर्न बनाया जाता है. इस में एक ही साइज के कई छेद होते हैं, जिन के द्वारा सभी पौधों या फूलों को सही और उपयुक्त मात्रा में पानी दिया जाता है.

घर में रहेगा खुशी का माहौल

स्वस्थ रहने के लिए खुश रहना जरूरी होता है. कहा भी गया है कि हरियाली है जहां, खुशहाली है वहां. पेड़पौधों में से निकलने वाली औक्सीजन आप के मूड को अच्छा रखने में काफी कारगर होती है. इस के

चलते सभी प्रकार की चिंताओं और समस्याओं को भूल कर मन अपनेआप ही खुश हो उठता है.

तो, क्यों ना आप भी वर्टिकल गार्डन के द्वारा अपने परिवार के सदस्यों को दें एक स्ट्रैस फ्री और हैल्दी वातावरण.

बोल उठेंगी पुरानी दीवारें

इस के द्वारा आप अपने घर की दीवारों को भी दे सकते हैं एक नया और स्टाइलिश लुक. यों तो अमूमन लोग अपने घर की दीवारों पर नया पेंट करवाते हैं, लेकिन आप अपने घर की पुरानी दीवारों पर वर्टिकल गार्डनिंग के कौंसेप्ट से नई जान डाल सकते हैं.

इस के लिए आप फर्न्स और मौस के पौधों को एक वुडन फ्रेम में लगा सकते हैं. इसे थोड़ा सा स्टाइलिश बनाने के लिए वुडन फ्रेम को डायनिंग या लिविंग रूम की दीवार पर एक पेंटिंग की तरह टांग सकते हैं. इस से आप की पुरानी दीवारों को एक नया और क्रिएटिव लुक मिल जाएगा.

पौधों के चयन का रखें खास खयाल

एक सही और अच्छे वर्टिकल गार्डन के लिए जगह के अनुसार पौधों का चयन बहुत महत्त्वपूर्ण होता है. इन पौधों के चयन में उस जगह के लोकल क्लाइमेट जैसे- न्यूनतम तापमान, सूरज की किरणों की दिशा और अवधि, हवा की रफ्तार और रुख इत्यादि एक अहम भूमिका निभाते हैं.

अपने वर्टिकल गार्डन के लिए पौधों का चयन करते समय निम्न बिंदुओं का खास खयाल रखें :

* एक परफैक्ट वर्टिकल गार्डन के लिए ज्यादातर लताओं वाले, ऊपर की ओर बढ़ने वाले और गूदेदार पौधों का ही चयन किया जाता है.

* चयनित पौधे सूखे, छाया और धूप तीनों ही अवस्था में खिलने वाले हों.

* अच्छी बढ़वार वाले पौधे या फूलों का चयन करें.

* पौधे कम लंबाई वाले हों.

कितनी डैंसिटी होनी चाहिए पौधों की?

ध्यान रखें कि पौधों की डैंसिटी 30 पौधे प्रति स्क्वायर मीटर होनी चाहिए. साथ ही, आप के इस वर्टिकल गार्डन के पौधों और फ्रेम इत्यादि को मिला कर कुल वजन 30 किलोग्राम/मीटर2 होना चाहिए.

घर के अंदर लगाए जाने वाले पौधे

अगर आप अपने घर के अंदर डायनिंग रूम या लिविंग रूम की दीवारों पर वर्टिकल गार्डन बनवाना चाहते हैं, तो आप फिलोडेन्ड्रान और एपीप्रेम्नम या गेस्नेरियाड्स के पौधे जैसे : एकाइनेन्थस, कालमिया और सेंटपौलिया के पौधों के अलावा पेपेरोमिया और बेगानिया या नेफ्रोलेपिस और टेरिस जैसे विभिन्न प्रकार के फर्न्स भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

साथ ही, क्लोरोफाइटम के पौधे घर के वातावरण में मौजूद नुकसानदेह कार्बनमोनोऔक्साइड, फार्माल्डीहाइड और जाइलिन जैसे हानिकारक प्रदूषित तत्त्वों को दूर कर के स्वच्छ हवा के साथसाथ सेहत के लिए जरूरी पोषक तत्त्व भी मुहैया कराते हैं.

लाइट और पानी का रखें खास खयाल

वर्टिकल गार्डन में लगने वाले पौधों और फूलों की अच्छी सेहत के लिए सही मात्रा में सूरज की किरणें और पानी आवश्यक होते हैं, इसीलिए यह सुनिश्चित करें कि उन्हें ऐसी जगह पर लगाएं, जहां सूरज की किरणें सही तरीके से आती हों. साथ ही, एक ही प्रकार के पौधों को एक ही स्थान पर लगाएं, ताकि उन्हें उपयुक्त मात्रा में पानी एकसाथ मिल जाए.

आटोमैटिक सिंचाई का विकल्प है बैस्ट

अपने वर्टिकल गार्डन में लगे पौधों को पानी देने के लिए हार्डवर्क न कर स्मार्टवर्क कर के लगा सकती हैं थोड़ा युनीक स्टाइल का तड़का. जहां एक ओर पौधों को पानी देने के लिए और लोग हाथ से चलाने वाले स्प्रेयर का इस्तेमाल करते हैं, वहीं आप आटोमैटिक आपरेटेड वर्टिकल गार्डनिंग का ढांचा लगवा सकती हैं.

आटोमैटिक ढांचे के अंदर पाइप के एक पैटर्न को पानी की टंकी के साथ जोड़ कर पूरे ढांचे में लगे पौधों और फूलों को एकसाथ बराबर और पर्याप्त मात्रा में पानी पहुंचाने की व्यवस्था की जाती है और वह भी कुछ ही मिनटों में.

इस तरह की व्यवस्था से आप पौधों और फूलों को कम समय में पानी देने के साथसाथ उन की अच्छी सेहत और लंबी आयु सुनिश्चित कर सकते हैं.

दे सकती हैं अपनी कलात्मक सोच को उड़ान

किसी भी वर्टिकल गार्डन के लिए यह जरूरी नहीं है कि आप पौधे या फूल सिर्फ गमलों में ही लगाएं. इस के लिए आप अपने घर में बेकार पड़े हुए पुराने प्लास्टिक के डब्बे, कौफी मग, जार, बोतल इत्यादि में भी पौधों और फूलों को लगा कर एक नया स्टाइलिश लुक दे सकते हैं.

पौधों की सेहत के लिए कुछ जरूरी बातें

* इंडोर प्लांट्स को ज्यादा एयरकंडीशनर वाले कमरे में रखने से बचाएं. ऐसे कमरों में पौधों को ज्यादा लंबे समय तक रखने से उन की नमी सूख जाती है. इस वजह से पौधों को सही तरह से बढ़ने में परेशानी होती है.

* खाद और सही मात्रा में कीटनाशक का इस्तेमाल जरूरी है. इस से पौधों में लगने वाले विभिन्न प्रकार के कीट और कीटाणुओं को नियंत्रण करने में मदद मिलेगी.

* पौधों की अच्छी सेहत के लिए गमलों में मिट्टी, कोकोपीट इत्यादि जैसी जरूरी चीजें डालें. इस से पौधों को उन की अच्छी सेहत के लिए आवश्यक पोषक तत्त्व मिल सकेंगे.

* नियमित रूप से पौधों की लंबाई को नियंत्रित करें. ऐसा करने से पौधों की लंबी उम्र को सुनिश्चित किया जा सकता है.

* पौधों और फूलों की किस्म के अनुसार उचित मिट्टी का चयन जरूरी है .

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