बेंगलुरू/नई दिल्ली : 7 जनवरी, 2024. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने बेंगलुरू में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के भारतीय बागबानी अनुसंधान संस्थान (आईआईएचआर) का दौरा किया और यहां के किसानों, विद्यार्थियों व वैज्ञानिकों के साथ संवाद किया. उन्होंने किसान सुविधा काउंटर का शुभारंभ किया. इस अवसर पर एमओयू भी किए गए.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि आईआईएचआर 54 बागबानी फसलों पर काम कर रहा है और उत्तरपूर्वी राज्यों सहित देशभर के किसानों के लाभ के लिए उष्णकटिबंधीय फलों, सब्जियों व फूलों की फसलों सहित बागबानी फसलों की 300 से अधिक किस्में विकसित की गई हैं और संस्थान ने आदिवासी बहुल क्षेत्रों में भी अच्छा काम किया है.
उन्होंने आगे यह भी कहा कि कृषि अर्थव्यवस्था में बागबानी का योगदान 33 फीसदी है, जिसे और आगे बढ़ाया जा सकता है, जिस की काफी संभावनाएं हैं.
उन्होंने आगे कहा कि हम न केवल घरेलू बाजार में, बल्कि दुनिया के बाजारों में और बेहतर ढंग से अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं. बागबानी क्षेत्र देश के आर्थिक विकास का महत्वपूर्ण घटक माना जा रहा है. यह क्षेत्र नए तरीके से अपनी आय बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है. भारत में बागबानी उत्पादन में काफी वृद्धि हुई है, जो वर्ष 2022-23 में 350 मिलियन टन हो गया है.
उन्होंने बागबानी उत्पादों के भंडारण, फूड प्रोसैसिंग, विपणन के महत्व को समझाया व किसानों को सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उत्पादन का लक्ष्य रखने का अनुरोध किया, ताकि उन के उत्पाद अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में प्रतिस्पर्धा कर सकें.
कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कृषि वैज्ञानिकों को अधिक से अधिक किसानों को अपनी प्रयोगशालाओं में लाने और नवीनतम अनुसंधान तकनीकों को उन के साथ साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया. इस से किसानों को उत्पादकता, पैदावार व आय को टिकाऊ तरीके से बढ़ाने में मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा कि दलहन उत्पादन बढ़ाने के प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर हाल ही में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने पोर्टल का शुभारंभ किया है, जिस से किसान बहुत लाभान्वित होंगे. इसी तरह से विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से काम करने व प्रौद्योगिकी के समर्थन की आवश्यकता है. सभी खाद्यान्न में हमारी आत्मनिर्भरता होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि झारखंड से प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रारंभ किए गए प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाभियान के माध्यम से आदिवासी समुदाय को मौलिक सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए उन्हें सुविधाएं प्रदान करने का काम किया जा रहा है.
शुरुआत में आईआईएचआर के निदेशक प्रो. संजय कुमार सिंह ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा व अन्य अतिथियों का स्वागत किया और संस्थान की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला.