भारतीय औषधि अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, प्रति व्यक्ति के आहार में रोजाना तकरीबन 250 ग्राम सब्जियां और 80 ग्राम फलों का होना जरूरी होता है. फलों एवं सब्जियों के उत्पादन में अच्छी वृद्धि के बाद भी इन की प्रति व्यक्ति प्रतिदिन उपलब्धता जरूरी स्तर से कम है. ऐसे में निम्न और गरीबी रेखा वालों के लिए फलसब्जियों का मिल पाना मुश्किल काम है. बाजारों में फलसब्जियों की महंगाई भी इन्हें गरीबों की थाली से दूर ले जाती है. इन फलसब्जियों के उत्पादन का एक बड़ा हिस्सा (तकरीबन 8-30 फीसदी) तक उचित तुड़ाई प्रबंधन के अभाव में उपयोग से पहले ही खराब हो जाता है.

अब जरूरत है कि हम अपने घर के आसपास थोड़ी सी जमीन पर पूरे परिवार के लिए सालभर गुणवत्तापूर्ण फलों, सब्जियों और मसालों का उत्पादन स्वयं करें. इस से न केवल हमारे परिवार की सेहत अच्छी रहेगी, बल्कि हम हजारों रुपए भी बचा सकते हैं.

पोषण वाटिका के लाभ

पोषण वाटिका से परिवार को ताजा हवा, प्रोटीन, खनिज और विटामिन से भरपूर फल, फूल, मसाले और सब्जियां मिलती हैं. पोषण वाटिका में उगाई जाने वाली सब्जियां रसायनरहित होती हैं और इन में काफी मात्रा में पोषक तत्त्व मौजूद होते हैं. पोषण वाटिका की सब्जियां बाजार की सब्जियों से कहीं ज्यादा अच्छे गुणों वाली होती हैं.

आप के किचन गार्डन के लिए ध्यान देने योग्य बातें

स्थान का चयन : आप का किचन गार्डन जहां भी हो, उसे कम से कम 4 से 5 घंटे तक सूरज की रोशनी मिलनी चाहिए और जलजमाव न होता हो. जानवरों से सुरक्षा के लिए जाली या चारदीवारी की व्यवस्था करनी चाहिए.

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