बेल वाली सब्जियों में खीरे को खासतौर से जायद फरवरीजून माह व खरीफ जूनअक्तूबर माह में उगाया जाता है. इस की अच्छी बढ़वार के लिए कम से कम 15-18 डिगरी सैंटीग्रेड तापमान और ज्यादा से ज्यादा 32-35 डिगरी सैंटीग्रेड तापमान होना चाहिए.

आमतौर पर खीरे की खेती गरमियों में की जाती है. अगर खीरे की फसल को ऐसे समय में तैयार किया जाए जब इस की मौजूदगी कम हो तो ज्यादा मुनाफा लिया जा सकता है. इस के लिए किसानों को खीरे की पौध समय से एक महीने पहले तैयार करनी होगी. इस के लिए पौलीहाउस या उस तरह के बने दूसरे ढांचे का इस्तेमाल किया जाता है. इस में तापमान को सामान्य से 7-8 डिगरी सैंटीग्रेड तक बढ़ाया जा सकता है और आसानी से पौध तैयार की जा सकती है. पौलीहाउस में पौध तैयार करने के लिए पौलीथिन व प्रोट्रे का इस्तेमाल किया जाता है.

मिट्टी व जमीन की तैयारी : खीरे के लिए 5.5 से 6.8 पीएच मान वाली जीवांश वाली दोमट बलुआर मिट्टी बढि़या रहती है. साथ ही, पानी के निकलने का मुनासिब साधन हो. खेत की पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करें. उस के बाद 2-3 जुताई हैरो से करें. हर जुताई के बाद पाटा दे कर मिट्टी को भुरभुरा और इकसार करना चाहिए.

आबोहवा : अच्छी पैदावार के लिए गरम और आर्द्रता यानी नमी वाले भौगोलिक रकबे ज्यादा मुनासिब होते हैं. खासतौर से इस की फसल जायद व खरीफ दोनों ही मौसमों में उगाई जाती है. बीज जमने के लिए 30-35 डिगरी सैंटीग्रेड तापमान और पौधों की बढ़वार के लिए 32 से 38 डिगरी सैंटीग्रेड तापमान ज्यादा मुनासिब होता है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
सब्सक्राइब करें
अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें...