गाजर का नाम सुनते ही मन में खयाल आता है कि काश, कहीं से गाजर का हलवा खाने को मिल जाए. क्या गाजर का इस्तेमाल सिर्फ हलवा बनाने के लिए किया जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है, गाजर जायकेदार होने के साथ ही कई गुणों से भरपूर है. आयुर्वेद के मुताबिक गाजर स्वाद में मीठी, गुणों में तीक्ष्ण और कफ व रक्तपित्त को नष्ट करने वाली होती है.
गाजर का रंग कैरोटीन नामक तत्त्व से लाल होता है. कैरोटीन के कारण ही गाजर विटामिन ‘ए’ से भरपूर होती है. यह तत्त्व हमारे शरीर में विटामिन ‘ए’ बनाता है. अधिकतर हकीम और डाक्टर आंख के मरीजों को सलाह देते हैं कि वे ज्यादा से ज्यादा गाजर का इस्तेमाल करें.
गाजर को आप कच्ची, सलाद के साथ, जूस निकाल कर, अचार या हलवा बना कर खा सकते हैं.
गाजर के औषधीय गुण
* यदि किसी की त्वचा आग से झुलस गई हो तो कच्ची गाजर पीस कर जले हुए स्थान पर लगाने से तुरंत लाभ मिलता है और जले हुए स्थान पर ठंडक महसूस होती है.
* गाजर का मुरब्बा काफी लाभकारी होता है. यह दिमाग के लिए काफी फायदेमंद होता है, रोज सुबह इस का सेवन करना चाहिए.
* लो ब्लड प्रेशर के रोगियों को गाजर के रस में शहद मिला कर खाना चाहिए. इस से रक्तचाप सामान्य होने लगेगा.
* गाजर, टमाटर, संतरे और चुकंदर का रस तकरीबन 25 ग्राम की मात्रा में रोजाना 2 महीने तक लेने से चेहरे के मुंहासे, दाग व झाइयां आदि मिटने लगते हैं. पथरी की शिकायत में गाजर, चुकंदर और ककड़ी का रस समान मात्रा में लें.
* गाजर पीस कर व आग पर सेंक कर इस की पुल्टिस बना कर बांधने से फोड़े ठीक हो जाते हैं.
* गाजर का अचार तिल्ली रोग को ठीक करता है.
* अनिद्रा रोग में रोज सुबहशाम 1 कप गाजर का रस लें.
* गाजर का सेवन उदर रोग, पित्त, कफ और कब्ज दूर करता है. यह आंतों में जमा मल को तीव्रता से साफ करता है.
* गाजर उबाल कर रस निकाल लें. इसे ठंडा कर के 1 कप रस में, 1 चम्मच शहद मिला कर पीने से सीने में उठने वाला दर्द मिट जाता है.
* बच्चों को कच्ची गाजर खिलाने से पेट के कीड़े निकल जाते हैं.
* गाजर का रोज इस्तमाल करने से खून की कमी दूर होती है.
* इस प्रकार गाजर को यदि रोजाना इस्तेमाल में लाया जाए तो कई रोगों से नजात पाई जा सकती है.