श्योपुर : कृषि उपज मंडी, श्योपुर में इन दिनों धान (Paddy) की बंपर आवक हो रही है. जिले के किसानों को अन्य मंडियों की अपेक्षा दाम भी अधिक मिल रहे हैं. प्रतिदिन 20 से 22 हजार क्विंटल धान (paddy) व्यापारियों द्वारा खरीदा जा रहा है.
कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष खरीफ सीजन में धान का रकबा 88,000 हेक्टेयर के लगभग रहा है. अनुकूल मौसम और जलवायु के चलते धान (Paddy) की बंपर पैदावार हुई है, इस से किसानों के चेहरे खिले हुए हैं. वर्तमान में श्योपुर मंडी में 700 से 800 ट्रौली के लगभग धान बिकने के लिए आ रहा है.
कलक्टर किशोर कुमार कन्याल के मार्गदर्शन में कृषि उपज मंडी में धान (Paddy) खरीदी का कार्य व्यवस्थित तरीके से चल रहा है. प्रतिदिन आने वाली ट्रौलियों के लिए मंडी में पंजीकृत व्यापारिक प्रतिष्ठान एवं फर्मो द्वारा धान की खरीदी की जा रही है, वर्तमान में स्थानीय व्यापारियों के अलावा हरियाणा व राजस्थान की फर्में भी धान खरीदी का कार्य कर रही हैं.
इस वर्ष विशेष रूप से धान (Paddy) की किस्म 17-18 बासमती का उत्पादन प्रचुर मात्रा में हुआ है. मंडी सचिव एसडी गुप्ता ने बताया कि इसी धान की सर्वाधिक ट्रौलियाँ नीलामी के लिए आ रही हैं. 20 से 22 हजार क्विंटल धान प्रतिदिन खरीदा जा रहा है. श्योपुर मंडी में आसपास की मंडियों की अपेक्षा धान (Paddy) की कीमत भी अधिक मिल रही है. वर्तमान में औसत भाव 3,400 से 3,550 रुपए तक चल रहा है, गत 19 नवंबर के भाव का आंकलन किया जाए, तो श्योपुर मंडी के धान का भाव 3,450 से 3,600 रहा, जबकि समीपवर्ती राजस्थान की कोटा मंडी में 3,200 से 3,450, बूंदी मंडी में 3,150 से 3,420 और मध्य प्रदेश की डबरा मंडी में 3,250 से 3,400 के भाव रहें.
इसी प्रकार श्योपुर की मंडी में अन्य मंडियों की अपेक्षा किसानों को 100 रुपए प्रति क्विंटल का भाव अधिक मिल रहा है, जो किसानों के लिए फायदेमंद है. साथ ही, श्योपुर मंडी में ही वे अपनी फसल सुविधाजनक तरीके से बेच पा रहे हैं. बाहर की मंडियो में विक्रय के लिए फसल ले जाने पर उस पर होने वाले व्यय के साथसाथ समय की बचत भी हो रही है.
इस प्रकार श्योपुर के किसानों को 2 तरह से लाभ हो रहा है. पहला तो यह कि यहां अधिक दाम मिल रहे हैं, वहीं दूसरा अन्य मंडियों में फसल ले जाने पर होने वाले खर्च की बचत हो रही है.
विकसित करेंगे एसएमएस सिस्टम
कलक्टर किशोर कुमार कन्याल का कहना है कि जिले में धान की बंपर आवक को देखते हुए इस के श्योपुर मंडी में विक्रय की व्यवस्था को और अधिक आसान बनाने के उद्देश्य से एसएमएस सिस्टम विकसित किया जाएगा. इस संबंध में मंडी अधिकारियों से बातचीत कर निर्देश दिए गए हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि धान उत्पादन करने वाले किसानों के पूर्व पंजीयन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी, इस के बाद इलैक्ट्रोनिक प्रणाली से उन्हें मंडी में धान बेचने की सूचना प्रदान की जाएगी, जिस से धान बेचने में लगने वाले समय और अन्य संसाधनों की और अधिक बचत हो सकेगी.
बी ग्रेड में नंबर वन है, श्योपुर की मंडी
मंडी सचिव एसडी गुप्ता ने बताया कि बी ग्रेड श्रेणी में श्योपुर की कृषि उपज मंडी पूरे मध्य प्रदेश में नंबर वन है. खरीदफरोख्त के आधार पर श्योपुर मंडी को यह दर्जा मिला है. गत वर्ष 2023 में इस संबंध में श्योपुर मंडी को नबंर वन के लिए पुरस्कार प्राप्त हुआ था.
उन्होंने बताया कि धान की बड़ी मात्रा में खरीदी का काम चल रहा है. डबरा, मुरैना, कोटा, बांरा, बूंदी की मंडियों से अधिक दाम किसानों को श्योपुर मंडी में मिल रहे हैं. बंपर खरीदी से श्योपुर मंडी के राजस्व के भी बढ़ने की उम्मीद है. पिछले साल 12 करोड़ रुपए मंडी टैक्स में मिले थे, इस बार 14 करोड़ रुपए के टैक्स की उम्मीद की जा रही है. अभी तक 5 करोड़ रुपए मंडी टैक्स आ चुका है. खरीदफरोख्त के लिए नवंबर से मार्च माह तक का सीजन रहता है. मार्च तक हम 14 करोड़ रुपए के लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे.