फल व फूल का गिरना प्रकृति का नियम है. जितने फूल आते हैं, उन में से काफी गिर जाते हैं और आम में तो 1,000 फूलों में से सिर्फ 1 फूल पर फल लग कर आम बनता है, बाकी सब आम बनने से पहले ही गिर जाते हैं.

लेकिन यदि अधिक मात्रा में फूल गिर रहे हैं, तो उस अवस्था में कुछ उपाय अपना कर इस पर कुछ हद तक नियंत्रण पा सकते हैं, जो लाभकारी पाए गए हैं.

इसी प्रकार अनार, अमरूद, नीबू, बेल, टमाटर, मिर्च, बैगन व अन्य पौधों में फल व फूल का गिरना एक आम समस्या है और ज्यादा गिरने या   झड़ने पर उचित उपाय किया जाना बेहद जरूरी है.

फल और फूलों के गिरने की वजह

* अनार में नर और मादा फूल अलगअगल होते हैं. नर निषेचन के बाद गिर जाते हैं और मादा पर फल बनते हैं.

* यदि फूल वसंत के प्रारंभ में ही गिरने लगे जाते हैं, तो उस में कीट का प्रकोप हो सकता है. जैसे सफेद मक्खी, मिली बग आदि.

* कई बार फंगसजनित रोगों के प्रकोप की वजह से भी फूल गिर जाते हैं.

* कई बार वातावरण, जैसे वर्षा, हवा और गरमी की वजह से भी फल के गिरने की समस्या हो सकती है.

* पोषक तत्त्वों की कमी, पानी की कमी और अधिकता भी इस की एक बड़ी वजह हो सकती है.

फल झड़ने के नियंत्रण के उपाय

* अनार, अमरूद व नीबू में फल 3 साल बाद ही लेना चाहिए.

* फूल और फल आते समय पानी न दें और बूंदबूंद सिंचाई का उपयोग करें.

* प्लानोफिक्स 5 मिलीलिटर दवा को 15 लिटर पानी के हिसाब से मिला कर छिड़काव करें. ये छिड़काव 2 बार करें. एक बार फूल आते समय और दूसरी बार फल बनते समय. इन दोनों अवस्थाओं पर यूरिया का छिड़काव न करें.

* जितना हो सके, गोबर की सड़ी खाद का प्रयोग करें. इस से कार्बन व नाइट्रोजन का अनुपात बना रहेगा.

* दीमक का प्रकोप अनार में अधिक होता है, इसलिए महीने में एक बार पानी के साथ क्लोरोपाइरीफास 20 ईसी दवा मिला कर पौधों की जड़ में डालें.

* पोषक तत्त्वों का उपयोग मार्च और जुलाई महीने में ही करें.

इस बारे में आप ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए अपने किसी नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र के माहिर कृषि विशेषज्ञों से सलाह ले सकते हैं.

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