कम पानी में जिस तरह से फसल की अच्छी पैदावार नहीं होती है, उसी तरह से ज्यादा पानी में भी अच्छी पैदावार नहीं होती है. ऐसे में जरूरी है कि फसल में पानी की मात्रा सही हो.
खेती के कामों में लगे किसानों द्वारा जल निकासी यानी पानी के निकलने पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है. जिन जगहों पर ज्यादा बारिश होती है, वहां पर जल निकासी का सही इंतजाम न होने से हर साल हजारों एकड़ फसल गल जाती है.
जल निकासी की जरूरत
कुछ जमीनें इस तरह की होती हैं, जिन में बरसात ज्यादा होने से पानी काफी दिनों तक के लिए भर जाता है. नतीजतन, वहां बोई गई फसल खराब हो जाती है और अगली फसल बोने के लिए भी समय पर खेत तैयार नहीं हो पाता है.
* कहींकहीं नहरों की सतह पास के खेत से ऊंची होती है, वहां बरसात में खेत में पानी भर जाता है. ऐसे खेतों से पानी के निकलने का पुख्ता इंतजाम करना पड़ता है.
* कुछ खेतों में पानी भरा होने से खेती की मशीनों का इस्तेमाल नहीं हो पाता. इन खेतों में जल निकासी का इंतजाम कर के ही खेती की मशीनों का इंतजाम किया जा सकता है.
लाभकारी है जल निकासी
* जमीन में मौजूद ज्यादा पानी निकल जाने से औक्सीजन पौधों की जड़ों तक पहुंच जाता है, जिस से फसल अच्छी हो जाती है. फसल की सेहत के लिए पौधों की जड़ों तक हवा का पहुंचना जरूरी होता है.
* जमीन के लाभदायक जीवाणु हवा में अपना काम ठीक तरह से करते हैं. हवा से उन के काम करने की रफ्तार भी तेज होती है. इस से फसल को जरूरी भोजन भी मिल जाता है.
* जल निकासी से जमीन फसल बोने के लिए जल्दी तैयार की जा सकती है.
* जल निकासी न होने से जमीन कम उपजाऊ हो जाती है. ज्यादा पानी रुकने से अकसर जमीन ऊसरीली हो जाती है.
* जल निकासी से मिट्टी में मिले हानिकारक लवण, जो फसल की बढ़वार में रुकावट होते हैं, वे पानी के साथ बह जाते हैं. नतीजतन, भूमि की उपजाऊ ताकत बढ़ जाती है.
जल भराव से नुकसान
* जिन इलाकों में ज्यादा पानी भर जाता है और वहां पर जल निकासी का सही इंतजाम नहीं होता है, उन इलाकों में फसलों को कई तरह से नुकसान हो सकता है.
* पौधे के लिए एक तय तापमान जरूरी होता है, उस से कम या ज्यादा तापमान होने से फसल पर बुरा असर पड़ता है. नमी ज्यादा होने से मिट्टी का तापमान गिर जाता है.
* जमीन में सही हवा और तापमान की सहायता से लाभदायक जीवाणु काम करते हैं. नमी ज्यादा होने पर जीवाणुओं पर उलटा असर पड़ता है.
* ज्यादा समय तक पानी भरा रहने से जमीन सामान्य फसलें पैदा करने की कूवत खो देती है. नमी ज्यादा होने से जुताई और बोआई समय पर नहीं हो पाती, जिस से फसल की उपज कम हो जाती है.
* बीज जमने के लिए भी सही तापमान की जरूरत होती है. ज्यादा नमी होने से तापमान कम हो जाता है, जिस से बीज देर से जमते हैं. इस का असर फसल के बढ़ने पर पड़ता है और फसल देर से पकती है.
* जड़ें पानी के लिए ही नीचे की ओर बढ़ती हैं. खेतों में ज्यादा पानी भरा रहने से जड़ों को पानी ऊपर ही मिल जाता है, जिस से वे ऊपर ही रह जाती हैं. इस से फसल कमजोर रह जाती है.