पांढुरना : पांढुरना जिले के विकासखंड सौंसर के गांव मर्राम में उपसंचालक, कृषि, जितेंद्र कुमार सिंह की उपस्थिति में ‘सघन रोपण प्रणाली (एचडीपीएस) पद्धति से कपास की खेती में पौधों की बढ़वार नियंत्रण एवं कीट प्रबंधन’ विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया.

कार्यशाला में पहले से चयनित अनुसूचित जनजाति के 51 किसानों को केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान, नागपुर से पधारे वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा. रामाकृष्णा द्वारा एचडीपीएस पद्वति से कपास फसल उत्पादन के संबंध में विस्तारपूर्वक किसानों को बताया गया.

उन्होंने कहा कि हलकी जमीन का चयन करते हुए कतार से कतार की दूरी 90 सैंटीमीटर एवं पौधे से पौधे की दूरी 15 सैंटीमीटर के अंतराल पर फसल बोई गई. सघन रोपण प्रणाली (एचडीपीएस) पद्धति से कपास की खेती करने वाले किसानों को उचित केनोपी मैनेजमेंट के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की गई, जिस में फसल की 45 दिन की अवस्था में कम से कम पौधे 1.5 से 2.0 फीट एवं पाति निर्माण अवस्था पर ग्रोथरेगुलेटिंग हार्मोंस चमत्कार 12 मिलीलिटर प्रति 15 लिटर पानी की दर से घोल बना कर एक एकड में 10 टंकी दवा का छिड़काव करने की सलाह दी गई, जिस से कि पौधे की बढ़वार नियंत्रित करते हुए प्रति एकड़  क्षेत्रफल से अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सके. सभी चयनित किसानों को केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान, नागपुर द्वारा उन्नत किस्म का बीज एवं ग्रोथरेगुलेटिंग हार्मोंस नि:शुल्क प्रदान किया गया.

kapas keet

केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान, नागपुर के डा. दीपक नागराले द्वारा कपास फसल में रोग एवं कीट प्रबंधन के संबंध में तकनीकी जानकारी प्रदान की गई. वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं डीन जेडएआरएस डा. आरसी शर्मा ने कपास फसल में पोषक तत्व प्रबंधन के बारे में जानकारी दी.

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