आज के समय में खेतीकिसानी करना काफी मुश्किल भरा काम होता जा रहा है. इस की सब से बड़ी वजह बढ़ती लागत और घटती आमदनी है.

हमारे देश में किसानों के हालात लगभग एकजैसे हैं, लेकिन उलट हालात में भी कुछ किसान सहजन की खेती कर के लाखों रुपए का मुनाफा कमा कर दूसरों के लिए नजीर पेश कर रहे हैं.

इस फसल की खूबी यह है कि एक बार पौध लगाने के बाद 4 साल तक पैदावार होती है. इस वजह से लागत काफी कम हो जाती है.

सहजन का पत्ता, फल और फूल सभी पोषक तत्त्वों से भरपूर हैं जो इनसान और जानवर दोनों के लिए काम आते हैं.

सहजन के बीज से तेल पैदा होता है, जिसे ‘बेन’ तेल के नाम से जाना जाता है. इस का इस्तेमाल घडि़यों में भी किया जाता है. सहजन का तेल साफ, मीठा और गंधहीन होता है और कभी खराब नहीं होता है. इसी गुण के चलते इस का इस्तेमाल इत्र बनाने में किया जाता है.

खेती के लिए जलवायु

सहजन की खेती की सब से बड़ी खूबी यह है कि ये सूखे की स्थिति में कम से कम पानी में भी जिंदा रह सकता है. इस की खेती के लिए कोई खास किस्म की मिट्टी की जरूरत नहीं होती, बल्कि कम क्वालिटी वाली मिट्टी में भी यह पौधा लग जाता है.

इस की बढ़वार के लिए गरम और नमी वाली जलवायु और फूल खिलने के लिए सूखा मौसम सही है. सहजन के फूल खिलने के लिए 25 से 30 डिगरी सैल्सियस तापमान सही है.

मिट्टी की जरूरत

सहजन का पौधा बलुई या चिकनी बलुई मिट्टी में अच्छी तरह बढ़ता है. यह पौधा समुद्रतटीय इलाके की मिट्टी और कमजोर क्वालिटी वाली मिट्टी को भी सहन कर लेता है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
सब्सक्राइब करें
अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें...