बस्ती : कृषि विज्ञान केंद्र, बंजरिया, बस्ती के पौध सुरक्षा विशेषज्ञ डा. प्रेम शंकर द्वारा 23 सितंबर, 2023 को किसान के प्रक्षेत्र का भ्रमण एवं निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान धान में आभासी कंड यानी फाल्स स्मट या हल्दिया या फिर अंगिया रोग लगा पाया गया.
जनपद के किसान भाइयों को सलाह दी जा रही है कि जिन किसान भाइयों के धान फूटने या फटने की स्थिति में हैं, उन किसान भाइयों को इस रोग से बचने के लिए विभिन्न उपाय अपनाने की सलाह जा रही है. सर्वप्रथम अपने खेत की निगरानी करते रहना चाहिए. इस रोग को पहचानने के विभिन्न लक्षण दिखाई पड़ते हैं. धान का दाने पीले फलदार पिंडों के समूह में परिवर्तित हो जाते हैं. फूलों के हिस्सों को घेरने वाले मखमली बीजाणुओं में वृद्धि होती है.
स्मट बाल पहले छोटी दिखाई देती है और फिर धीरेधीरे एक सैंटीमीटर के आकार तक बढ़ती है. जैसेजैसे कटक की वृद्धि होती है, स्मट बाल फट जाती है और नारंगी, फिर बाद में पीलेहरे या हरेकाले रंग में बदल जाती है.
संक्रमण आमतौर पर प्रजनन और पकने के चरण के दौरान होता है, जिस से पुष्प गुच्छ में कुछ दाने संक्रमित हो जाते हैं, बाकी स्वस्थ रहते हैं.
ऐसी स्थिति में कुछ वजह ऐसी हैं, जो रोग के विकास को बढ़ावा देती है, जैसे अचानक बदली होना या वर्षा का होना.
– उच्च आर्द्रता एवं तापमान का उतारचढ़ाव की उपस्थिति.
– अधिक नाइट्रोजन का प्रयोग पौधों से पौधों तक बीजाणु के प्रसार के लिए हवा की उपस्थिति.
ऐसे में किसान को अपनी धान की फसल को रोग से बचाने के लिए विभिन्न उपाय अपनाना चाहिए :
– स्वस्थ एवं प्रमाणित बीज का प्रयोग करें.
– बीजोपचार के लिए थीरम 37.5 फीसदी डब्ल्यूपी + कार्बोक्सिन 37.5 फीसदी डब्ल्यूपी मिश्रण बीटावैक्स पावर की 2.5 ग्राम दवा प्रति किलोग्राम बीज की दर से शोधित करें.
– संक्रमित पौधों को फौरन ही निकाल देना चाहिए.
– खड़ी फसल में संक्रमण को रोकने के लिए पहला छिड़काव बूट लीफ या दूधिया अवस्था में प्रोपीनोजोल 25 फीसदी ईसी टिल्ट/जेरौक्स की 200 मिलीलिटर मात्रा प्रति एकड़ के हिसाब से 100 से 120 लिटर पानी में घोल बना कर छिड़काव करें. दूसरा छिड़काव 10 से 15 दिन के अंतराल पर प्रोपीनोजोल 13.9 फीसदी +डीफैनकोनोजोल 13.9 फीसदी ईसी मिश्रण की 200 मिलीग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से 100 से 120 लिटर पानी में घोल बना कर छिड़काव करें.
अधिक जानकारी के लिए कृषि विज्ञान केंद्र, बस्ती पर कार्यरत पौध सुरक्षा विशेषज्ञ डा. प्रेम शंकर, जिन का मोबाइल नंबर 9616 297380 पर संपर्क करें.