Deep Plowing | रबी और जायद की कटाई के बाद कुछ दिनों तक अधिकतर खेत खाली पड़े रहते हैं. इन खाली दिनों में खेतों की गहरी जुताई का बेहद महत्त्व है. गरमी की जुताई से अगली फसल को कई तरह के लाभ मिलते हैं. इस से फसल पर कीटों और रोगों का हमला कम होता है और उपज में इजाफा होता है.

गरमी की गहरी जुताई के फायदे

जीवांश खाद की प्राप्ति : गरमी के समय में रबी व जायद की फसल कट जाने के बाद खेत की जुताई करने से फसल के अवशेष डंठल व पत्तियां आदि भूमि में दब जाते हैं, जो बारिश के मौसम में सड़ कर जमीन को जीवांश पदार्थ मुहैया कराते हैं.

हानिकारक कीटों से बचाव: गरमी की जुताई से रबी या जायद की फसलों पर लगे हुए हानिकारक कीटों के अंडे व लार्वा, जो जमीन की दरारों में छिपे होते हैं, मईजून की तेज धूप से नष्ट हो जाते हैं. इस से खेत कीटपतंगों से सुरक्षित हो जाता है और अगली फसल में कीटों के हमले की संभावना कम हो जाती है.

मिट्टी रोगों से बचाव : गरमी की जुताई से खरपतवारों के बीज तेज गरमी से नष्ट हो जाते हैं. बाकी बचे बीज ज्यादा गहराई में पहुंच जाने से उन का अंकुरण नहीं हो पाता. नतीजतन खेत को खरपतवार से नजात मिल जाती है.

कीटनाशकों के प्रभाव से मुक्ति : रबी या खरीफ फसलों में इस्तेमाल किए गए कीटनाशकों व खरपतवारनाशकों का असर जमीन में गहराई तक हो जाता है. गरमी में जुताई कर देने से खेत में उन का प्रभाव खत्म हो जाता है. तेज धूप से ये जहरीले रसायन विघटित हो जाते हैं और उन का खेत में असर नहीं रह जाता है.

रासायनिक उर्वरकों का विघटन : खेत में इस्तेमाल किए गए रासायनिक उर्वरकों का 65 फीसदी हिस्सा अघुलनशील हालत में खेत में पड़ा रह जाता है, जो धीरेधीरे खेत को बंजर बनाता है. गरमी की जुताई से सूर्य की तेज धूप से ये रसायन विघटित हो कर घुलनशील उर्वरकों में बदल जाते हैं और अगली फसल को पोषण देते हैं.

मिट्टी में वायु संचार : बारबार ट्रैक्टर जैसे भारी वाहनों से जुताई व सिंचाई करने से मिट्टी के कणों के बीच का खाली स्थान कम हो जाता है, यानी खेत की मिट्टी सख्त व कठोर हो जाती है. इस से मिट्टी में हवा का आनाजाना रुक जाता है, जिस से उस की उर्वरता कम हो जाती है. गरमी की जुताई से मिट्टी की नमी खत्म होने लगती है और कणों के बीच का खाली स्थान बढ़ जाता है यानी पोली हो जाती है. इस से उस में हवा का आनाजाना होने लगता है, जो फसल की सेहत के लिए अच्छा होता है.

जलधारण कूवत का विकास : गरमी की जुताई से खेत की नमी काफी गहराई तक सूख जाती है. मिट्टी के सूराख खुल जाने से बारिश का पानी जमीन द्वारा सोख लिया जाता है, जिस से मिट्टी की जलधारण कूवत बढ़ जाती है व नमी काफी मात्रा में खेत में मौजूद रहती है. यह नमी खरीफ की फसल के उत्पादन में काम आती है.

कैसे करें गरमी की जुताई : गरमी के समय में खेत की जुताई खेत के ढाल के विपरीत करें. इस से बारिश का पानी ज्यादा से ज्यादा खेत द्वारा सोखा जाएगा. इस से जमीन का कटाव रोकने में भी मदद मिलेगी. हलकी व रेतीली जमीन में ज्यादा जुताई न करें, क्योंकि इस से मिट्टी भुरभुरी हो जाती है और हवा व बरसात से मिट्टी का कटाव बढ़ जाता है.

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