बड़वानी : भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रबंधन (Integrated Pest Management) अनुसंधान केंद्र, नई दिल्ली एवं कृषि विज्ञान केंद्र, बड़वानी के संयुक्त तत्वावधान में समन्वित नाशीजीव प्रबंधन पर कृषक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया.

यह कार्यक्रम प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डा. एसके बड़ोदिया के मार्गदर्शन में केंद्र के सभागार में आयोजित किया गया.

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डा. केएन पाठक, अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय, खंडवा व विशेष अतिथि के रूप में डा. एचएल खपेड़िया प्रधान वैज्ञानिक द्वारा भागीदारी की गई.

इस औनलाइन/औफलाइन कृषक जागरूकता कार्यक्रम में सर्वप्रथम प्रधान वैज्ञानिक डा. एसके बड़ोदिया द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए उपस्थित किसानों को गरमी में मूंगफली फसल की उन्नत उत्पादन तकनीकी व मूंग फसल में नाशीजीव प्रबंधन के साथसाथ प्राकृतिक खेती अपनाने की बात कही.

इस अवसर पर डा. एचएल खपेड़िया, प्रधान वैज्ञानिक ने किसानों को गरमी में गहरी जुताई करने की सलाह देते हुए पेड़पौधों की पत्तियों व अन्य घरेलू चीजों से जैविक कीटनाशी तैयार करने की बात कहीं.

मुख्य अतिथि डा. केएन पाठक ने कृषि विज्ञान केंद्र की जिले में की जा रही गतिविधियों की प्रशंसा करते हुए समन्वित कृषि प्रणाली अपनाने की बात कही.

वहीं केंद्र के मृदा वैज्ञानिक डा. कुमरावत ने मिट्टी परीक्षण के महत्व की जानकारी दे कर पोषण तत्व प्रबंधन द्वारा मृदा स्वास्थय सुधार की बात कही.

मौसम वैज्ञानिक रविंद्र सिकरवार ने किसानों को जलवायु परिवर्तन आधारित कृषि उत्पादन तकनीकी को अपनाने पर जोर दिया.

विषय विशेषज्ञ के रूप में राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रबंधन अनुसंधान केंद्र, नई दिल्ली से प्रधान वैज्ञानिक डा. मुकेश सहगल औनलाइन गूगल मीट के माध्यम से जुड़ कर नाशीजीव कीट प्रबंधन के लिए अच्छी किस्म के बीजों का प्रयोग, बीजोपचार कर बोआई करने की बात कही.

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