झाबुआ: कैबिनेट मंत्री, महिला एवं बाल विकास विभाग मध्य प्रदेश शासन सु निर्मला भूरिया के मुख्य आतिथ्य और सांसद लोकसभा क्षेत्र रतलामझाबुआ गुमान सिंह डामोर की अध्यक्षता में कृषिगत क्षेत्र की उन्नत नवीन तकनीक विस्तारण, प्रदर्शनी, शासन की किसान कल्याणकारी योजनाओं के प्रचारप्रचार के उद्देश्य से कृषि विज्ञान केंद्र प्रक्षेत्र झाबुआ में कृषि विज्ञान मेले का शुभारंभ किया गया.

मेले में विभिन्न शासकीय विभागों द्वारा लगाई गई प्रदशर्नी का अवलोकन करते हुए अतिथि मंच पर पहुचे. सहायक संचालक कृषि कल्याण एवं कृषि विकास विभाग नगीन रावत द्वारा मेले के बारे में विस्तार से बताया गया.

मंत्री, महिला एवं बाल विकास विभाग मध्य प्रदेश शासन सु निर्मला भूरिया द्वारा किसानों को आधुनिक खेती के साथसाथ प्राकृतिक खेती की ओर भी ले जाएं, आधुनिक खेती के कहीं न कहीं दुष्प्रभाव भी हैं.

रासायनिक खाद के उपयोग का असर हमारे शरीर पर भी होने लगा है. आज हम यूरिया का काफी मात्रा में उपयोग करने लगे हैं. आने वाले समय में हमें रासायनिक खाद का उपयोग कम करना होगा. हमें सोचना होगा कि हम आने वाले पीढ़ी को क्या दे रहे हैं.

सरकार की तरफ से विश्वास दिलाते हुए कहा कि हम किसानों के हित के लिए काम करेंगे.

सांसद गुमान सिंह डामोर ने आगे यह भी कहा कि वर्तमान समय में रासायनिक खाद का उपयोग बहुत बढ़ गया है. पहले हम गोबर की खाद का उपयोग करते थे, जो सर्वश्रेष्ठ खाद है. उन के द्वारा किसानों को जैविक खाद का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया गया. साथ ही, अन्य अतिथियों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा भी जैविक खाद का उपयोग करने को कहा गया, जिस से कि हम रासायनिक खाद के दुष्प्रभाव से बच सकें.

अतिथियों द्वारा उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों को प्रशस्तिपत्र प्रदान किया गया. साथ ही, किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड भी प्रदान किए गए.

जिला पंचायत अध्यक्ष सोनल जसवंत सिंह भाबोर द्वारा किसानों को जैविक खेती के उपयोग के लिए प्रेरित करते हुए किसानों की समस्या की ओर प्रकाश डाला गया.

जिले में आयोजित किए जा रहे किसान मेले में जिले के समस्त 6 विकास खंडों से तकरीबन 5,000 किसान इस मेले में सम्मिलित हुए, जिस में कृषिगत क्षेत्र की उन्नत नवीन तकनीक विस्तारण, कृषि को व्यवसाय के रूप में आगे बढाना, किसान का फसल उत्पादन बढाने के भारत शासन एवं राज्य शासन की महात्वाकांक्षी योजनाओं से अवगत कराए जाने के साथसाथ उत्पादन लागत में कमी लाने, प्रशिक्षित करना और प्रदर्शनी के माध्यम से कृषि से जुडे नवाचारों का जीवंत प्रदर्शन, खेती की नवीन उन्नत किस्मों के बीजों जैसे विभिन्न आयामों का मेले के माध्यम से प्रचारप्रसार किया गया.

मेले में दोनों दिन कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषिगत क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा तकनीकी सत्र आयोजित किए गए. मेले में विभिन्न शासकीय विभागों जैसे कृषि एवं कृषि से संबद्ध विभाग कृषि विज्ञान केंद्र, पशुपालन, उद्यानिकी विभाग, मत्स्यपालन, कृषि अभियांत्रिकी, स्वास्थ्य विभाग, आयुष विभाग, सहकारिता विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ ही मध्य प्रदेश गामीण अजीविका परियोजना, अशासकीय संगठनों की जिले में संचालित विभिन्न गतिविधियों से सबंधित प्रदर्शनियां और स्वयं सहायता समूह, कृषक उत्पाद संगठनों एवं जिले के निजी कृषि आदान विक्रेताओं द्वारा भी कृषि की नवीन उन्नत तकनीकी से संबंधित कृषि आदानों / उत्पादों के साथसाथ प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की बहनों द्वारा सास्वत यौगिक खेती के साथसाथ नशामुक्ति से सबंधित प्रदर्शनी लगाई गई.

मेले में जिले के किसानों को जिले के भौगोलिक परिदृश्य के अनुसार कृषि वैज्ञानिकों द्वारा तकनीकी विस्तारण संबंधित प्रशिक्षित कराया गया. इसी क्रम में जिले के प्रगतिशील किसानों द्वारा अपने खेतों पर अपनाई जा रही है, कृषिगत नवीन उन्नत तकनीकी खेती, नवाचार के बारे में विस्तृत से जानकारी से अवगत कराते हुए परंपरागत खेती की जगह उन्नत तकनीकी को अपना कर किसान अपने जीवनस्तर में बदलाव के बारे में प्रशिक्षित कराया गया.

मेले में किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग द्वारा मानव स्वास्थ एवं पर्यावरण की सुरक्षा हेतु प्राकृतिक खेती की विभिन्न विधाओं के बारें में विस्तृत प्रदर्शनी के माध्यम से चित्रण किया गया, इसी प्रकार प्रचलित भोज्य अनाजों के स्थान पर मिलेट्स के उपयोग के बारे में बताते हुए उन के उपयोगों के बारे में जानकारी दी गई.

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