अगर आप गार्डनिंग की शौकीन हैं, तो आप की यही चाहत रहती है कि हमारे घर का आंगन हमेशा हराभरा रहे. पौधों पर फूल व फल लदे रहें. जिस के लिए आप तरहतरह की खाद व दवाओं का प्रयोग करती हैं, जो कि वाकई बहुत महंगे भी आते हैं और कई बार पौधों को लाभ की जगह नुकसान भी पहुंचा देते हैं.
कुछ लोग इस खर्चे को सोच कर पौधे लगाने की इच्छा को मन में ही दबा कर रह जाते हैं, लेकिन यदि आप अपने गार्डन को खूबसूरत बनाना चाहती हैं और वो भी बिना पैसे खर्च करे, तो आप घर पर ही कंपोस्टिंग तैयार कर अपने गार्डन को हराभरा बना सकती हैं.
कंपोस्टिंग के फायदे
कंपोस्ट यानी पौधों के लिए काला सोना. इस से पौधों का सही तरीके से विकास होता है, क्योंकि घर पर बने कंपोस्ट से नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटैशियम जैसे आवश्यक सभी पोषक तत्व मिलते हैं, जो कि मिट्टी की उर्वरता, पानी सोखने की क्षमता में बढ़ोतरी होती है व पीएच संतुलन भी नियंत्रित रहता है.
बनाने की विधि
– इसे आप गार्डन में गड्ढा कर या बालटी, मिट्टी या प्लास्टिक के गमले में आसानी से तैयार कर सकती हैं.
– यदि गार्डन गड्ढे में बना रहे हैं, तो मिट्टी पानी सोख लेती है और बरतन में बना रहे हैं, तो सड़न और बदबू से बचाने के लिए बरतन की तली में छोटेछोटे 3-4 छेद कर दें.
– कंपोस्ट तैयार करने के लिए पहले गत्ता या कोको पिट की परत बिछा दें, फिर डिकंपोज के लिए सब्जी, फलों के छिलके, चाय की पत्ती (चीनी रहित), अंडे के छिलके डाल दें. इस के बाद एक हलकी परत मिट्टी की बिछा दें, इस में थोड़े खराब कागज व सूखे पत्ते भी डाल दें.
यह प्रक्रिया तब तक दोहराते रहें, जब तक कि आप का बिन पूरा न भर जाए. पूरा भरने पर वेस्ट डालने की प्रक्रिया को रोक दें. 30 से 40 दिन के भीतर कंपोस्ट बन जाएगा. साथ ही, इसे किसी डंडे की मदद से बीचबीच में हिला दें, जिस से इसे औक्सीजन मिलती रहे.
– जल्दी डिकंपोज करने के लिए इस में एक लिटर पानी में थोड़ा गुड़ डाल कर एक दिन के लिए रख दें और बाद में इसे छान कर कंपोस्ट मिश्रण में डाल दें.
गलती न करें
– पका हुआ खाना, दूध, दही जैसे पदार्थ भूल कर भी ना डालें.
– सीधे सूरज की रोशनी में न रखें
– कंपोस्टिंग के लिए जो सामग्री डालें, छोटेछोटे टुकड़ों में डालें, जिस से कि यह जल्दी गल कर कंपोस्ट में बदल जाए.