आय बढ़ाने के लिए 3 स्तरों पर काम करना होगा. पहला, लागत कम करना. दूसरा, उत्पादन बढ़ाना और तीसरा, जो उत्पादन किया है, उस का अधिक से अधिक मूल्य प्राप्त करना.
सभी किसान जानते हैं कि किसी भी फसल के उत्पादन के लिए बहुत सी चीजों की जरूरत होती है, जिन्हें हम इस तरह बांट सकते हैं, जैसे बाजार से खरीदी जाने वाली कई चीजें जैसे बीज, खाद व उर्वरक व पौध संरक्षण, स्वयं के संसाधन (ट्रैक्टर, मशीनरी, जैविक खाद, कृषि यंत्र आदि), लगने वाली इनसानी मेहनत और ऊर्जा (सिंचाई, खेत की तैयारी, फसल काल में निंदाईखुदाई, फसल में दवा का छिड़काव, फसल की कटाईगहाई) आदि.
कृषि उत्पादन में इन चीजों का इस्तेमाल किया जाना बेहद जरूरी है, परंतु सही समय पर, सही मात्रा में सही तरीके से इन चीजों का उपयोग कर के या इन का दुरुपयोग रोक कर फसल उत्पादन की लागत को कम किया जा सकता है. अनियंत्रित लागत किसान की फसल उत्पादन लागत को बढ़ाने के साथ ही मुनाफे को कम करती है. बहुत सी लागत को कुछ तरीके से कम किया जा सकता है.
1. बीज की लागत कम करने के लिए निम्न उपाय अपनाएं:
(अ) उन्नत किस्म का बीज प्रयोग करें.
(ब) स्वयं का बीज उत्पादन करें या समूह के माध्यम से बीज उत्पादन करें.
(स) बीज की सिफारिश की गई मात्रा का ही उपयोग करें. अधिक बीज दर से उत्पादन कम होता है.
(द) घर का बीज उपयोग करने पर बोआई से पहले अंकुरण परीक्षण अवश्य करें.
2. रासायनिक उर्वरकों की पूरी मात्रा कभी फसल को नहीं मिलती है. उर्वरक उपयोग दक्षता को बढ़ाने के लिए निम्न उपाय अपनाएं:
(अ) अपनी भूमि का मिट्टी परीक्षण करवाएं.
(ब) मिट्टी परीक्षण की सिफारिश के आधार पर ही उर्वरकों का उपयोग करें.
(स) जैविक खाद एवं जीवाणु खाद का उपयोग अवश्य करें.
(द) खड़ी फसल में दिए जाने वाला यूरिया सल्फर या नीम लेपित हो या स्वयं नीम खली से लेपित यूरिया तैयार कर फसल को देवें.
(य) दूसरों को देख कर उर्वरकों का प्रयोग नहीं करें.
(र) संतुलित पोषण के लिए मिट्टी परीक्षण के आधार पर सूक्ष्म पोषक तत्वों का प्रयोग करें.