सीहोर : वर्तमान मौसम परिर्वतन के कारण गेहूं में जड़ माहू कीट एवं विभूति आदि कीटों का प्रभाव हो सकता है. यदि गेहूं में जड़ माहू कीट का प्रभाव एवं गेहूं में पीलापन दिख जाए, तो दवा का छिड़काव जरूर करें.
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार इस वर्ष भी गेहूं फसल में जड़ माहू कीट का प्रकोप दिखाई दे रहा है. गेहूं फसल के खेतों में अनेक स्थानों पर पौधे पीले हो कर सूख रहे हैं. समय पर निदान न किए जाने पर इस कीट द्वारा गेहूं फसल में बड़ी क्षति की संभावना रहती है.
जड़ माहू कीट गेहूं के पौधे के जड़ भाग में चिपका हुआ रहता है, जो रस चूस कर पौधे को कमजोर व सुखा देता है. प्रभावित खेतों में पौधे को उखाड़ कर ध्यान से देखने पर बारीकबारीक हलके पीले, भूरे व काले रंग के कीट चिपके हुए दिखाई देते हैं. मौसम में उच्च आर्द्रता व उच्च तापमान होने पर यह कीट अत्यधिक तेजी से फैलता है. अनुकूल परिस्थिति होने पर यह कीट पूरी फसल को नष्ट करने की क्षमता रखता है.
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, जिन क्षेत्रों में अभी तक गेहूं फसल की बोआई नहीं की गई है, वहां पर बोआई से पहले इमिडाक्लोरोप्रिड 48 फीसदी, एफएस की 01 मिलीलिटर दवा अथवा थायोमेथाक्जाम 30 फीसदी, एफएस दवा की 1.5 मिलीलिटर मात्रा प्रति किलोग्राम की दर से बीजोपचार जरूर करें.