अगर सब्जियों की बात करें, तो कुछ मौसम के अनुसार उगाई जाती है और कुछ सब्जियों की खेती सालभर की जाती है. लेकिन सालभर उगाई जाने वाली सब्जियों में भी इन की नर्सरी व रोपाई का समय मौसम के अनुसार अलगअलग होता है. सालभर उगाई जाने वाली सब्जियों में बैगन की खेती महत्वपूर्ण स्थान रखती है, क्योंकि बैगन का प्रयोग सब्जी के अलावा भरतां व कलौंजी के रूप में भी किया जाता है, जो भोजन का जायका बढ़ाती है.

बैगन की कई प्रजातियां उपलब्ध हैं, जिस में रंग के अनुसार हरासफेद व बैगनी और बनावट के अनुसार लंबी व गोल प्रजातियों का प्रयोग खेती में किया जाता है. बैगन की बनावट व रंग के अनुसार भी बाजार भाव तय होता है. बैगन की खेती के लिए पौधशाला में बोआई व रोपाई सालभर में 3 बार की जाती है.

बैगन की खेती के लिए सब से अच्छी मिट्टी दोमट व जीवांश की पर्याप्त मात्रा वाली होनी चाहिए. बैगन में सब से अच्छी फलत दोमट मिट्टी में आती है. इस के अलावा बैगन की उन्नत खेती के लिए खेत में जल निकासी की व्यवस्था का होना जरूरी है.

शरदकालीन बैगन की नर्सरी डालने का उचित समय जुलाई माह के पहले सप्ताह से ले कर अगस्त माह का अंतिम सप्ताह होता है. किसानों को पौधशाला में बैगन की नर्सरी डालने से पहले पौधशाला की भूमि का चयन करना चाहिए. किसानों को चाहिए कि पौधशाला की भूमि 01 हेक्टेयर खेत की रोपाई के लिए 75-100 वर्गमीटर के क्षेत्रफल में 200 किलोग्राम गोबर की खाद या 50 किलोग्राम केंचुए की खाद डाल कर मिट्टी को भुरभुरी बना लेनी चाहिए. इस के अलावा दीमक आदि से बचाव के लिए 50 किलोग्राम नीम की खली भी मिलाना जरूरी हो जाता है.

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