खरीफ मौसम की फसल अरहर देश की खास उपयोगी दलहन फसल अरहर है. यह अलगअलग भौगोलिक हालात में भी उगाई जा सकती है.

जलवायु : अरहर उन दलहन फसलों में से एक है जो अलगअलग जलवायु और हालात में भी अच्छी पैदावार देती है, लेकिन ज्यादा और अच्छी पैदावार के लिए लगभग इसे 30 से 35 डिगरी सैल्सियस तापमान की जरूरत पड़ती है और इस के लिए 60 से 75 सैंटीमीटर सालाना बारिश जरूरी है.

जमीन : अरहर की पैदावार के लिए दोमट मिट्टी अच्छी मानी गई है. जलनिकासी व नमकरहित जमीन भी अच्छी मानी जाती है.

फसल चक्र : अरहर की खेती मिश्रित फसल प्रणाली में की जाती है. उन में से कुछ खास इस प्रकार हैं :

अरहरगेहूं, अरहरमक्काचरी, अरहरगेहूंमूंग.

अंतरफसल चक्र में भी अरहर की खेती की जा सकती है. जैसे, अरहरसोयाबीन, अरहरज्वार, अरहरबाजरा.

बोआई का समय : अरहर की बोआई देश के भौगोलिक हालात पर निर्भर करती है. इस की बोआई उत्तरपश्चिमी क्षेत्र जैसे दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के कुछ इलाकों में जून के दूसरे हफ्ते में खेत में पलेवा कर, खेत की अच्छी तरह जुताई कर बोआई करें.

मानसून की पहली बारिश के बाद सही नमी में बोआई की जा सकती है. अरहर और मूंग की अंतरफसल की बोआई का सही समय अप्रैल का दूसरा हफ्ता है.

बीजों का उपचार : बोआई से पहले अरहर के बीज को राइजोबियम जीवाणु का टीका गुड़ के घोल में मिला कर अरहर के बीज में अच्छी तरह से मिलाना चाहिए. उसी घोल में कोई फफूंदीनाशक दवा जैसे बाविस्टिन 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से मिलाना चाहिए.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
सब्सक्राइब करें
अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें...