भारत में लगभग 29.8 मिलियन हेक्टेयर में गेहूं की खेती होती है. देश में साल 2006-07 में गेहूं का उत्पादन 75.81 मिलियन मीट्रिक टन था, जो साल 2011-12 में काफी बढ़ कर 94.88 मिलियन मीट्रिक टन हो गया है. हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्य हैं.

गेहूं की नई किस्मों में उत्तरीपश्चिमी मैदान क्षेत्रों (एनईपीजेड) के लिए विकसित किस्में, जो पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान (कोटा और उदयपुर मंडल को छोड़ कर), पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जम्मूकश्मीर के जम्मू और कठुआ जिले, हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले और उत्तराखंड के तराई क्षेत्र के लिए विकसित की गई है. इस में पहली किस्म एचडी 3298, जो सिंचित और देरी से बोई जाने वाली किस्म है, इन क्षेत्रों के लिए, दूसरी किस्में डीडब्ल्यू 187, डीडब्ल्यू 3030 और डब्ल्यूएच 1270 किस्म है. ये तीनों किस्में जल्दी बोई जाने वाली और सिंचित क्षेत्रों के लिए विकसित की गई हैं.

विशेष आर्थिक क्षेत्रों जैसे पर्ू्वी उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, बिहार और पश्चिम बंगाल के लिए एचडी 3293 किस्म विकसित की गई है, जो सिंचित क्षेत्रों में समय पर बोई जाने वाली किस्म है.

मध्य क्षेत्र जैसे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, कोटा और राजस्थान के उदयपुर डिविजन और उत्तर प्रदेश के झाँसी मंडल के लिए सीजी 1029 और एचआई 1634 किस्म विकसित की गई है, जो सिंचित क्षेत्रों में देर से बोई जाने वाली किस्म है.

प्रायद्वीपीय क्षेत्रों जैसे महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गोवा और तमिलनाडु के लिए डीडीडब्ल्यू 48, जो सिंचित और समय पर बोई जाने वाली किस्म है, एचआई 1633 जो सिंचित और देर से बोई जाने वाली किस्म है, विकसित की गई है. इस के साथ ही इन क्षेत्रों के लिए सिंचित और समय से बोई जाने वाली किस्म एनआईडीडब्ल्यू 1149 विकसित की गई है.

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