औसतन एक टिड्डी दल 2,500 लोगों का पेट भरने लायक अनाज चट कर सकता है. ये कीट एक उड़ान में तकरीबन 100 से 150 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकते हैं.
टिड्डी दल में करोड़ों की तादाद में तकरीबन 2 से ढाई इंच लंबे कीट होते हैं, जो फसलों को कुछ ही घंटों में चट कर जाते हैं. ये कीट सभी तरह के हरे पत्तों पर हमला करते हैं और किसी इलाके में शाम 6 बजे से रात 8 बजे के आसपास पहुंच कर जमीन पर बैठ जाते हैं, वहीं पर रातभर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं और फिर सुबह 7 बजे से 8 बजे के आसपास उड़ान भरते हैं.
कृषि वैज्ञानिकों के सुझाव
* टिड्डी दल केवल रात के समय फसलों पर बैठते हैं. इन पर उसी समय हमला करने की जरूरत होती है.
* टिड्डी दल जिस जगह पहुंचेगा, वहां मादा कीट जमीन पर अंडे छोड़ देती हैं और वे फिर दोबारा लौटते हैं.
* जब तक टिड्डी दल लौटता है, तब तक दूसरे कीट, जो अंडे के रूप में होते हैं, वे बड़े हो चुके होते हैं.
* टिड्डी दल पर निगरानी रखने के लिए किसान शाम को फसलों पर जरूर नजर रखें. अगर उन का प्रकोप हो तो तुरंत अपने कृषि विज्ञान केंद्र या जिला प्रशासन को सूचित करें.
* इन से छुटकारा पाने के लिए रात के समय कीटनाशक का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
* जिस तरफ हवा होती है, ये कीट उसी तरफ उड़ान भर देते हैं. ये कीट एक उड़ान में तकरीबन 100 से 150 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकते हैं.
* संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य और कृषि संगठन के मुताबिक, औसतन एक टिड्डी दल 2,500 लोगों का पेट भरने लायक अनाज चट कर सकता है.
कीट को ऐसे भगाएं
यह जानना जरूरी है कि अटैक करने वाला टिड्डी दल पीले रंग का होता है.
टिड्डी दल को भगाने के लिए ढोल, नगाड़ों, टिन के डब्बे, पटाखे, थालियां, लाउडस्पीकर से आवाजें करें.
किसान टोलियां बना कर इस समस्या से निबट सकते हैं. फायर ब्रिगेड की भी मदद ले सकते हैं.
टिड्डी दल फसलों समेत दूसरी वनस्पति को खा कर चट कर देता है. इन कीटों को उस क्षेत्र से हटाने या भगाने के लिए ध्वनि विस्तारक यंत्रों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
किसान ध्वनि विस्तारक यंत्रों से आवाज कर उन को अपने खेत पर बैठने न दें. अपने खेतों में आग जला कर, पटाखे फोड़ कर, थाली बजा कर, ढोलनगाड़े बजा कर आवाज करें, ट्रैक्टर के साइलैंसर को निकाल कर भी तेज आवाज कर सकते हैं.
इस के अलावा खेतों में कल्टीवेटर या रोटावेटर चला कर टिड्डी और उन के अंडों को नष्ट किया जा सकता है. प्रकाश प्रपंच का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
याद रखें कि यह कीट देखने में बहुत छोटा होता है, पर इन की तादाद इतनी ज्यादा होती है कि ये किसानों की मेहनत को मिनटों में मिट्टी में मिला सकते हैं. समय रहते ही कड़े कदम उठा कर इन से बचाव किया जा सकता है.
जरूरी कीटनाशक दवाएं
* क्लोरोपाइरीफास 20 फीसदी ईसी की 1,200 मिलीलिटर
* क्लोरोपाइरीफास 50 फीसदी ईसी की 1,000 मिलीलिटर
* डेल्टामेथ्रिन 2.8 फीसदी ईसी की 450 मिलीलिटर
* डेल्टामेथ्रिन 1.25 फीसदी यूएलवी की 200 मिलीलिटर
* लैम्ब्डा-साईहेलोथ्रिन 5 फीसदी ईसी 400 मिलीलिटर
* फिप्रोनिल 5 फीसदी एससी की 2,500 मिलीलिटर
* मैलाथियान 50 फीसदी ईसी की 1,850 मिलीलिटर
* बेंडिओकार्ब 80 फीसदी डब्लूपी की 125 ग्राम
इन में से किसी एक कीटनाशक को 500 से 600 लिटर पानी में घोल बना कर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें या फिर मैलाथियान 5 फीसदी डीपी की 25 किलोग्राम मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से सुबह के समय बुरकाव करें.