फसल कीटरक्षक वे फसलें होती हैं, जो खेत में एक खास अवधि के दौरान मुख्य फसल को कीटों से बचाती हैं. इस तकनीक में मुख्य फसल के साथसाथ कोई दूसरी फसल साथ में लगाई जाती है, जो मुख्य फसल में नुकसान पहुंचाने वाले कीटों को अपनी तरफ आकर्षित करती हैं.
इस के लिए हानिकारक कीटों के बारे में जानकारी होनी चाहिए. उस के लिए किस तरह के पौधों को लगाते हैं या उस के बीचबीच में कौन सी दूसरी फसल लगानी चाहिए, यह भी जानकारी होनी चाहिए.
खासकर निमेटोड जैसी बीमारी के लिए यह तकनीक बहुत अच्छी है. फसल को कीटों से बचाने का यह एक प्राकृतिक तरीका है, जिस में किसी भी तरह के कृषि रसायन का इस्तेमाल नहीं होता.
इसी के बारे में कुछ खास जानकारी यहां दी गई है :
* गोभी में हीरकपृष्ठ शलभ की रोकथाम के लिए बोल्ड सरसों को गोभी के प्रत्येक 25 कतारों के बाद 2 कतारों में लगाना.
* कपास की इल्ली/छेदक की रोकथाम के लिए लोबिया को कपास के प्रत्येक 5 कतारों के बाद 1 कतार में लगाना. कपास की इल्ली/छेदक की रोकथाम के लिए तंबाकू को कपास के प्रत्येक 20 कतारों के बाद 2 कतारों में लगाना.
* टमाटर में फल छेदक/निमेटोड की रोकथाम के लिए अफ्रीकन गेंदे को टमाटर के प्रत्येक 14 कतारों के बाद 2 कतारों में लगाना.
* बैगन में तना छेदक व फल छेदक की रोकथाम के लिए धनिया/मेथी को बैगन के प्रत्येक 2 कतारों के बाद 1 कतार में लगाना.
* चने में इल्ली की रोकथाम के लिए धनिया/गेंदा को चना के प्रत्येक 4 कतारों के बाद 1 कतार में लगाना.
* अरहर में चना की इल्ली की रोकथाम के लिए गेंदा को अरहर के चारों तरफ बौर्डर में लगाना.
* मक्का में तना छेदक की रोकथाम के लिए नेपियर/सूडान घास को मक्के के चारों तरफ बौर्डर में लगाना.
* सोयाबीन में तंबाकू की इल्ली की रोकथाम के लिए सूरजमुखी या अरंडी को सोयाबीन के चारों तरफ 1 कतार में लगाना. रक्षक फसलों की सफलता के कुछ महत्त्वपूर्ण उपाय
* सब से पहले एक फार्म प्लान बनाना चाहिए, जो यह दर्शाए कि कब व कहां कीटरक्षक फसलों को उगाएं.
* फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों की पहचान व जानकारी होना बहुत ही जरूरी है.
* कीट रक्षक फसलों के रूप में ऐसी फसलों का चुनाव करें, जो कीटों को अधिक आकर्षित कर के मुख्य फसलों की रक्षा करे. इस के लिए कृषि वैज्ञानिकों से सलाह लेनी चाहिए.
* फसलों की नियमित रूप से देखरेख होनी चाहिए.
* इन फसलों पर अगर कीट अधिक आकर्षित होते हैं एवं इन की संख्या बहुत अधिक हो जाती है या मुख्य फसल में कीट प्रकोप बढ़ने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं, तो रक्षक फसलों को समयसमय पर काटछांट करते रहना चाहिए.
* अगर बहुत ही जरूरी हो, तो कीटनाशी/जैविक कीटनाशकों का भी छिड़काव करना चाहिए या इन्हें उखाड़ने या नष्ट करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए, ताकि समय पर रोकथाम की जा सके.