टीकमगढ़ : उड़द, मूंग और सोयाबीन की फसल में पत्ती भक्षक कीट व सफेद मक्खी का प्रकोप देखा जा रहा है, इसलिए समय रहते उन की रोकथाम जरूरी है. इस के नियंत्रण के लिए क्विनालफास 25 ईसी दवा की 2 मिलीलिटर मात्रा प्रति लिटर पानी में घोल बना कर मौसम साफ रहने पर ही छिड़काव करें.
उड़द, मूंग और सोयाबीन की फसल में पीला पत्ता रोग का प्रकोप देखा जा रहा है. किसान फसलोँ की निगरानी करें और खेत में ग्रसित पौधे पाए जाने पर रोकथाम के लिए ग्रसित पौधे को उखाड़ कर जमीन में दबा दें एवं 0.5 मिलीलिटर इमिडाक्लोप्रिड या थियामेथोक्सम 2.0 मिलीलिटर दवा की मात्रा को प्रति लिटर पानी में घोल बना कर मौसम साफ रहने पर छिड़काव करें.
सोयाबीन की फसल में गर्डल वीटिल का प्रकोप देखा जा रहा है, इस के नियंत्रण के लिए फ्लूबेंडामाइड 39.5 एससी, 400 मिलीलिटर दवा प्रति हेक्टेयर के हिसाब से घोल कर बना कर मौसम साफ रहने पर ही छिड़काव करें.
भिंडी में पीली पत्ती रोग का प्रकोप देखा जा रहा है. किसान फसल का निरीक्षण करते रहें और इस से बचाव के लिए आसमान साफ रहने पर मिथाइल डेमेटान 25 ईसी दवा की 2 मिलीलिटर मात्रा प्रति लिटर पानी में घोल बना कर छिड़काव करें.
आसमान में बादल छाए रहने के कारण धूप की अवधि में कमी को देखते हुए किसान मुरगीघरों में रात के समय 4-5 घंटे रोशनी की व्यवस्था करें और वातावरण में हो रही नमी की वृद्धि से मुरगीघरों में नमी की वृद्धि को रोकने के लिए चूने और लकड़ी के बुरादे का फर्श पर बुरकाव करें. पशुशाला को बाह्य परजीवी जैसे मक्खी व मच्छरों से बचाने के लिए साफसफाई का ध्यान रखें. साथ ही, मैलाथियान का स्प्रे करें.