नीलगाय (Nilgai) से फसलों को बचाने के लिए कई तरीके हैं, लेकिन ज्यादातर उपाय खर्चीले हैं व गरीब किसानों की पहुँच से बाहर होते हैं. कुछ ऐसे उपाय हैं जिन्हें आजमा कर आप अपनी फसलों का नीलगाय (Nilgai) व जंगली जानवरों से बचाव कर सकते हैं.
सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को नीलगाय (Nilgai) से होता है. नीलगाय (Nilgai) झुंड में रहती हैं. इन की तादाद कभीकभी 25-30 तक रहती है. ऐसे में ये जिस किसी खेत में घुसती हैं, उस का एक बार में सफाया कर देती हैं.
नीलगाय (Nilgai) से फसलों को बचाने के लिए कई तरीके हैं, लेकिन ज्यादातर उपाय खर्चीले हैं. गरीब किसानों के पास इतना पैसा नहीं होता कि वे खेतों की तारबंदी करवा लें.
कृषि वैज्ञानिकों ने कई रिसर्च के जरीए इस बात को साबित कर दिया है कि नीलगाय (Nilgai) के गोबर के घोल की गंध उन्हें खेतों में आने से रोकती है.
नीलगाय (Nilgai) फसलों को तो खाती हैं ही, बल्कि इन के पैरों से भी खेत में काफी नुकसान होता है. सरसों और आलू के पौधे यदि एक बार टूट गए तो दोबारा जड़ें जमाना मुश्किल हो जाता है इसलिए फसलों की हिफाजत के लिए नीचे दिए गए उपाय अपनाना जरूरी हैं:
* नीलगाय (Nilgai) को खेतों की ओर आने से रोकने के लिए 4 लिटर मट्ठा में आधा किलो छिला हुआ लहसुन पीस कर मिला दें और इस में 500 ग्राम बालू डालें. इस घोल का 5-5 दिन बाद छिड़काव करें. इस की गंध से तकरीबन 20 दिन तक नीलगाय (Nilgai) खेतों में नहीं आएंगी. इसे 15 लिटर पानी के साथ भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
* 20 लिटर गोमूत्र, 5 किलोग्राम नीम की पत्तियां, 2 किलोग्राम धतूरा, 2 किलोग्राम मदार की जड़, फलफूल, 500 ग्राम तंबाकू की पत्तियां, 250 ग्राम लहसुन, 150 ग्राम लाल मिर्च पाउडर को डब्बे में भर कर धूप में 40 दिन तक के लिए रख दें. उस में हवा नहीं जानी चाहिए. इस के बाद 1 लिटर इस दवा को 80 लिटर पानी में घोल कर फसल पर छिड़काव करने से महीनेभर तक नीलगाय (Nilgai) फसलों को नुकसान नहीं पहुंचाती हैं. इस से नीलगाय (Nilgai) से हिफाजत के साथ ही आप की फसलों की कीटपतंगों से भी हिफाजत हो जाएगी.
* किसान अपने खेतों के चारों तरफ कंटीली तार के साथ ही बांस की फट्टियां लगा सकते हैं. आजकल बाजार में जानवरों से बचाव के लिए चमकीली बैंड की पट्टियां भी मिल रही हैं. इन से भी घेराबंदी की जा सकती है.
* खेत की मेंड़ों को ऊंचा बनाना चाहिए और इन मेंड़ों के किनारे करौंदा, जैट्रोफा, तुलसी, खस, जिरेनियम, मैंथा, लैमन ग्रास, सिट्रोनेला, पामारोजा के पौधे लगाए जा सकते हैं. इन पौधों की खासीयत यह होती है कि ये काफी घने होते हैं और कुछ पौधे कंटीले भी होते हैं. यह तरीका भी आप की फसल को महफूज रख सकता है.
* कुछ किसान अपने खेत में आदमी के आकार का पुतला बना कर खड़ा कर देते हैं. इस से जानवरों को यह डर रहता है कि कोई आदमी खेत पर है. इस से भी नीलगाय खेतों में नहीं आती हैं.
* नीलगाय के गोबर का घोल बना कर मेंड़ से 1 मीटर अंदर फसलों पर छिड़कने से कुछ समय के लिए फसलों की हिफाजत की जा सकती है.
* किसानों को चाहिए कि वे फसलों पर 1 लिटर पानी में 1 ढक्कन फिनाइल के घोल का छिड़काव करें. इस से नीलगाय फिनाइल की बदबू से खेतों के आसपास आने की हिम्मत नहीं करेंगी.
* गधे की लीद, पौल्ट्री का कचरा, गोमूत्र, सड़ी सब्जियों की पत्तियों का घोल बना कर फसलों पर छिड़कने से नीलगाय खेतों के पास नहीं आती हैं.
* कुछ किसान अपने खेतों में रात के वक्त मिट्टी के तेल की डिबरी जला देते हैं, जिस से नीलगाय खेतों में नहीं आती हैं.
ये कुछ ऐसे उपाय हैं जिन्हें आजमा कर आप अपनी फसलों का नीलगाय व जंगली जानवरों से बचाव कर सकते हैं.