भारत में बड़े पैमाने पर सब्जी की खेती की जाती है और दुनिया के कुल सब्जी उत्पादन का 14 फीसदी भारत में होता है, जबकि चीन 26 फीसदी सब्जियों का उत्पादन अकेले करता है.

सब्जियों की पैदावार में रोगजनक कीटों और सूत्रकृमि प्रभावित करते हैं. इन सभी में सूत्रकृमि खास भूमिका निभाते हैं. अनेक प्रकार के सूत्रकृमियों में जड़ गांठ सूत्रकृमि सब्जियों में लगने वाला एक प्रमुख सूत्रकृमि है. ये धागेनुमा दिखने वाले बहुत ही छोटे जीव होते हैं, जिन्हें नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता है. ये मिट्टी में रह कर पौधों की जड़ों को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं.

जड़ गांठ सूत्रकृमि लगभग सभी प्रमुख सब्जियों जैसे टमाटर, बैगन, मिर्च, शिमला मिर्च, भिंड़ी, लौकी, तुरई, करेला, खीरा, गाजर वगैरह नुकसान में पहुंचाते हैं.

क्या है जड़ गांठ

गरमी और खरीफ के मौसम में जड़ गांठ सूत्रकृमि ज्यादा पनपता है और इस समय लगाई जाने वाली सब्जियों की फसलों को खासा नुकसान पहुंचाता है. जड़ गांठ सूत्रकृमि दूसरी अवस्था के लार्वा से जड़ों के अगले भाग में घुसते हैं और कोशिकाओं के बीच से रास्ता बना कर जड़ के अंदर किसी भी स्थान पर स्थायी रूप से स्थित हो जाते हैं. लार्वा के जड़ में स्थित होने के बाद इस के शीर्ष के चारों तरफ की जड़ की कुछ कोशिकाएं बढ़ना शुरू कर देती हैं. कोशिकाओं के इस तरह से बढ़ने के कारण जड़ें इन स्थानों पर फूल जाती हैं, जिन्हें जड़ गांठ कहते हैं.

जड़ की कोशिकाओं के फूल जाने के कारण जड़ वहां गांठ का रूप ले लेती है. इस वजह से पौधों में भोजन और पानी का बहाव रुक जाता है और पौधे जड़ से सही मात्रा में भोजन को ले नहीं पाते. इस वजह से पौधों का विकास रुक जाता है. प्रभावित पौधे पीले पड़ जाते हैं और उन की बढ़वार रुक जाती है. साथ ही, पौधे छोटे रह जाते हैं.

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