Trench Method | उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के रहने वाले शरद त्यागी एक ऐसे इनसान हैं, जिन में हमेशा आम लोगों से हट कर कुछ नया करने की ललक रहती है.
उन्होंने शिक्षा पूरी करने के बाद भारतीय सीमा सुरक्षा बल में नौकरी कर ली, लेकिन उन का मन नौकरी में नहीं लगा, लिहाजा उन्होंने नौकरी छोड़ दी और घर वापस आ कर अपने पिताजी के पैतृक व्यवसाय खेती में लग गए. उन के मन में जो आम लोगों से हट कर करने का जज्बा था, वह शांत नहीं हुआ, तो वे एक दिन कृषि विज्ञान केंद्र गए.
कृषि विज्ञान केंद्र ने दी नई दिशा : आधुनिक कृषि तकनीकों को जानने की इच्छा और कुछ करने के बुलंद हौसलों के साथ उन्होंने केंद्र के वैज्ञानिकों से गन्ना उत्पादन तकनीकों की विस्तार से जानकारी ली. केंद्र के वैज्ञानिकों ने समयसमय पर उन के खेत पर जा कर उन्हें नवीनतम तकनीकों से अवगत कराया.
आधुनिक तकनीकों से खेती की शुरुआत : खेती की नवीनतम जानकारी से प्रभावित हो कर शरद त्यागी ने ट्रैंच विधि से गन्ना उत्पादन करने की शुरुआत की. आज वे ट्रैंच विधि से गन्ना उत्पादन के लिए अपने जिले ही नहीं, बल्कि प्रदेश व देश के किसानों के लिए रोल माडल बन गए हैं. तकरीबन 5000 किसान उन से उन की तकनीकों के बारे में जानकारी ले चुके हैं. आज भी शरद कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के संपर्क में रहते हैं और जो कृषि संबंधी समस्याएं आती हैं, उन का हल पूछते हैं.
ट्रैंच विधि से गन्ना उत्पादन के लाभ
* बीज की मात्रा आम विधि के मुकाबले कम लगती है.
* आम विधि के मुकाबले जमाव ज्यादा होता है.
* सिंचाई करने में कम समय लगता है, नतीजतन पानी की बचत होती है.
* उत्पादन खर्च में कमी आती है.
* उपज ज्यादा मिलती है.