गरमी के मौसम में बहुत से किसान बड़े पैमाने पर कद्दूवर्गीय सब्जियों की खेती करते हैं जैसे तोरई, कद्दू, खीरा, लौकी, करेला, खरबूजा, तरबूज आदि की उचित देखभाल के लिए कुछ जरूरी सुझाव इस तरह हैं :
फल मक्खी कीट नियंत्रण
ये कीट फलों में दाग और सड़न पैदा कर फलों को बरबाद कर देते हैं.
जैविक नियंत्रण : फ्रूट फ्लाई ट्रैप 10 से 15 प्रति एकड़ लगाएं और 15-15 दिन के बाद ल्योर बदलते रहें. अगर फ्रूट फ्लाई ट्रैप नहीं मिल पा रहा हो, तो केले के छिलके में मैलाथियान या डाईक्लोरोवास की कुछ बूंदें डाल कर खेत में 20-25 जगह बिखेर दें.
रासायनिक नियंत्रण : इस कीट के नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल की 10 मिलीलिटर दवा प्रति 15 लिटर पानी में घोल बना कर छिड़काव करें.
लाल गुझिया
रासायनिक नियंत्रण : इमिडाक्लोप्रिड 17.8 फीसदी 1 मिलीलिटर प्रति लिटर पानी या मैलाथियान 50 फीसदी ईसी 2 मिलीलिटर प्रति लिटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें.
रस चूसक कीट या सूक्ष्म कीट
जैविक नियंत्रण : पीला चिपचिपा ट्रैप यानी पाश 20 से 25 प्रति एकड़ लगाएं. घर पर पीला चिपचिपा पाश तैयार करने के लिए टिन या कनस्तर के डब्बों को 4 भाग में काट लें और हर भाग पर पीले पेंट से पुताई कर लें. सूखने के बाद उस में ग्रीस लगा कर खेतों में 20-25 जगह टांग दें और 5 दिन बाद ग्रीस लगाते रहें.
भिंडी की फसल सुरक्षा
तना गलन रोग
जैविक नियंत्रण : ट्राइकोडर्मा और स्यूडोमोनास 5 मिलीलिटर प्रति लिटर पानी के हिसाब से जड़ों के पास इस्तेमाल करें.
रासायनिक नियंत्रण : कौपर- औक्सीक्लोराइड 3 ग्राम प्रति लिटर के हिसाब से जड़ों के पास इस्तेमाल करें.
फल बेधक कीट
जैविक नियंत्रण : * फैरोमौन ट्रैप लगाएं.
नीम का तेल 4 मिलीलिटर प्रति लिटर पानी के हिसाब से डिटर्जेंट मिला कर छिड़काव करते रहें.
मेटाराइजियम या बीटी 5 फीसदी गुड़ के घोल में मिला कर छिड़काव करें.
रासायनिक नियंत्रण : इंडोक्साकार्ब 14.5 फीसदी की 0.5 मिलीलिटर दवा प्रति लिटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें.
बैगन की फसल सुरक्षा
तना एवं फल बेधक कीट
इस में भिंडी की तरह ही जैविक नियंत्रण का तरीका इस्तेमाल करना चाहिए.
रासायनिक नियंत्रण : इमामेक्टिन बेंजोएट 5 ग्राम को 15 लिटर पानी में मिला कर छिड़काव करें.
आम फसल की सुरक्षा
आम में 3 प्रमुख कीट ज्यादा प्रभावित करते हैं :
फुदका
जैविक नियंत्रण : मेटाराईजियम 5 मिलीलिटर प्रति लिटर पानी में मिला कर छिड़काव करें.
नीम औयल 4 मिलीलिटर प्रति लिटर पानी के हिसाब से डिटर्जेंट मिला कर छिड़काव करें.
रासायनिक नियंत्रण : प्रोफेनोफास कीटनाशक 2 मिलीलिटर प्रति लिटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें.
मिलीबग
सफेद गुझिया कीट तना और पत्तियों पर चिपक कर नुकसान पहुंचाती है.
जैविक नियंत्रण : 50 फीसदी अलकोहल का छिड़काव करें और उस के बाद मेटाराईजियम का छिड़काव करें.
रासायनिक नियंत्रण : प्रोफेनोफास कीटनाशक 2 मिलीलिटर प्रति लिटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें.
फल मक्खी नियंत्रण
इस का नियंत्रण ऊपर बताए गए कद्दूवर्गीय फसलों की तरह के उपाय से करें.
रोग
पत्तियों पर काला फफूंद लगना
रस चूसक कीट अपने शरीर से मधुरस छोड़ते हैं, जिस से पत्तियों पर फफूंद लग जाती हैं.
जैविक नियंत्रण : नीम के साबुन का घोल बना कर छिड़काव करें.
रासायनिक नियंत्रण : कार्बंडाजिम फफूंदनाशक 0.5 फीसदी का छिड़काव करें.
गन्ना
अगेती तना बेधक प्रबंधन
जैविक नियंत्रण : बिवेरिया या मेटाराईजियम 5 फीसदी का छिड़काव करें.
रासायनिक नियंत्रण : कीटनाशक क्लोरांट्रानिलीप्रोल 150 मिलीलिटर प्रति एकड़ के हिसाब से इस्तेमाल करें.
दलहन और तिलहन
मूंग, उड़द, मूंगफली और सूरजमुखी.
रस चूसक कीट
जैविक नियंत्रण : अगर फसल में कीट नहीं आया है तो नीम तेल 1500 पीपीएम की 45 मिलीलिटर दवा और एक पाउच शैंपू प्रति 15 लिटर पानी में घोल बना कर 15-15 दिन के अंतराल पर इस का छिड़काव करते रहें.
रासायनिक नियंत्रण : रस चूसक कीट की रोकथाम करने के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल 1 मिलीलिटर प्रति लिटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें.