छतरपुर : जिला प्रशासन छतरपुर द्वारा सर्पदंश यानी सांप के काटने के संबंध में एडवाइजरी जारी की गई है. सर्पदंश की घटना से घबराएं नहीं, सर्वदंश का अस्पताल में इलाज संभव है. लोगों से अपील की गई है कि सर्पदंश का इलाज झाड़फूंक नहीं है. इसलिए ओझागुनियां इस का इलाज नहीं कर सकते हैं. इस का उपचार केवल अस्पताल में ही मुमकिन है.

सीएमएचओ डा. आरपी गुप्ता ने बताया कि ज्यादातर लोग सांप के काटने पर जहर से कम और डर के कारण अपनी जान गवां देते हैं. यदि किसी को सांप काटता है, तो बिना देरी किए उसे तुरंत नजदीक के सरकारी अस्पताल में ले जाएं और झाड़फूंक में समय व्यर्थ न करें.

डाक्टरों का कहना है कि सिर्फ 10 फीसदी सांप ही जहरीले होते हैं, बाकी 90 फीसदी जहरीले नहीं होते. बरसात में सर्पदंश की घटनाओं से बचने के लिए अलर्ट रहना जरूरी है. इस में घर के प्रवेश करने वाले सभी स्थानों को बंद करना चाहिए, जैसे किचन, बाथरूम में पानी निकासी के रास्ते को भी बंद करना जरूरी है. घर में नीचे न सोएं, बेडशीट को भी बेड के नीचे नहीं लटकाना चाहिए. अंधेरे वाले स्थान में बिना रोशनी के न जाएं और घास व अधिक पत्तियों में भी संभल कर चलें. सांप काटने पर बिना घबराए हुए पीड़ित को अपने शरीर को अधिक हिलाना नहीं चाहिए. सब से पहले एम्बुलेंस नंबर 108 को फोन करना चाहिए. साथ ही, जितना जल्दी हो सके, अस्पताल में मरीज को एडमिट कराएं. पीड़ित को कुछ भी खिलानापिलाना नहीं चाहिए.

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