लखनऊ : लोकभवन, लखनऊ में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, अपर मुख्य सचिव (कृषि) देवेश चतुर्वेदी, सचिव (कृषि) राज शेखर ने मीडिया से रूबरू हो कर खेतीबारी की योजनाओं पर जानकारी दी.

पीएम कुसुम योजना

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि प्रदेश में सिंचाई की व्यवस्था के लिए प्रदेश सरकार द्वारा पीएम किसान योजना के अंतर्गत कुल 22,514 सोलर पंप की स्थापना कराई गई है. इस वर्ष 30 हजार सोलर पंप स्थापित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा 46.20 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है.

बीज व्यवस्था

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि खरीफ सीजन 2023 में श्री अन्न को बढ़ावा देने के लिए मिलेट्स पुनर्रुद्धार के कार्यक्रम के अंतर्गत 43.975 मिनी किट वितरित कराए गए हैं, जिस में कुल बीज की मात्रा 1,178 क्विंटल रही है. इस के बाबत 56 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है.

इसी क्रम में खरीफ दलहन का कुल मिनी किट 3,68,475 और 6,000 तिलहन के मिनी किट, जिस में मुख्य रूप से मूंगफली बीज का भी वितरण किया गया. प्रदेश में दलहनी फसलों के लिए विशेष प्रयास का परिणाम रहा है कि इस वर्ष प्रदेश में खरीफ दलहन का कुल रकबा 11.5 हेक्टेयर रहा है, जो विगत वर्ष की तुलना में 2.5 हेक्टेयर से अधिक है.

मिनीकिट

उन्होंने बताया कि दलहनी एवं तिलहनी फसलों को विशेष रूप से महत्व देते हुए आच्छादन वृद्धि हेतु इस वर्ष तोरिया, राई/ सरसों एवं अलसी के 2-2 किलोग्राम के मिनीकिट कुल 5,56,578 का वितरण कराया जाएगा, जिस में कुल 11,132 क्विंटल बीज वितरित करने का लक्ष्य है.
इसी प्रकार दलहनी फसलों में चना के 16 किलोग्राम के मिनीकिट कुल 43750 के संख्या द्वारा कुल 70,00 क्विंटल बीज वितरित कराया जाएगा.

मटर 20 किलोग्राम के पैकिंग के 15,265 मिनीकिट, जिस में कुल 3053 क्विंटल बीज और मसूर के 8 किलोग्राम के पैकिंग में 1,84,050 मिनीकिट, जिस में कुल 14,724 क्विंटल बीज का वितरण किया जाएगा. इस प्रकार दलहनी फसलों के कुल 2,43,065 नि:शुल्क मिनीकिट वितरण कराया जाएगा.

उन्होंने बताया कि रबी सीजन 2023 में कुल आच्छादन 123 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में करने का लक्ष्य है, जिस में गेहूं का बीज 4,96,000 क्विंटल बीज अनुदान पर उपलब्ध कराने की योजना है और निजी क्षेत्र से कुल 47 लाख क्विंटल बीज की उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई है.

उन्होंने बताया कि प्रदेश में यूरिया, डीएपी, पोटाश और सूक्ष्म पोषक तत्वों वाले उर्वरकों की कोई कमी नहीं है. यूरिया 44.93 लाख मीट्रिक टन, डीएपी 14.51 मीट्रिक टन, एनपीके 4.66 लाख मीट्रिक टन और पोटाश 0.71 लाख मीट्रिक टन, एमएसपी 4.54 लाख मीट्रिक टन की उपलब्धता सुनिश्चित है.

डिजिटल क्राप सर्वे

Solarमंत्री सूर्य प्रताप शाही नें बताया कि प्रदेश के प्रत्येक गाटा संख्या का सर्वे करने हेतु हमारी सरकार ने इतना ठोस कदम उठाया है, जो पूर्व की कल्पना से परे था. डिजिटल क्राप सर्वे के काम को कृषि एवं राजस्व विभाग के मजदूरों द्वारा पहले चरण में 21 जनपदों में शतप्रतिशत और 54 जनपदों के 10-10 गांव में डिजिटल क्राप का सर्वे इसी माह में पूरा कर लिया जाएगा. अब तक 5 जनपदों में कुल 27,641 गांव का सर्वे किया जा चुका है, जिस में कुल गाटा संख्या 69,530 है और अभी 1,19,12,445 उत्तर प्रदेश का सर्वे किया जाना है. सर्वे का काम गतिमान है.

उन्होंने खरीफ 2023 वर्ष में आच्छादन की स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि जून से सितंबर तक मानक वर्षा 722 मिलीमीटर के सापेक्ष 560 मिलीमीटर हुई है. इस के आधार पर आच्छादन – कुल- 96.24 हेक्टेयर रहा है, जिस में धान – 59 लाख हेक्टेयर, दलहन – 11.12 लाख हेक्टेयर , तिलहन- 5.78 लाख हेक्टेयर, मक्का – 7.63 लाख हेक्टेयर, श्री अन्न -12.70 लाख हेक्टेयर रहा.

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत खरीफ 2022 मौसम में 21.67 लाख किसानों द्वारा 15.43 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में बोई गई अधिसूचित फसलों का बीमा कराया गया, जिस में से 8.33 लाख किसानों को 644.54 करोड़ रुपए की क्षति का भुगतान बीमा कंपनियों द्वारा किया गया है.

इस प्रकार रबी सीजन 2022-23 मौसम में 20.01 लाख किसानों द्वारा 13.52 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में बोई गई अधिक सूचित फसलों का बीमा कराया गया, जिस में से 2.67 लाख किसानों को 168.05 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति का भुगतान बीमा कंपनियों द्वारा किया गया है.

एलएलएस प्रकार वर्ष 2022-23 के खरीफ हुआ रबी मौसम में कुल 41.68 लाख किसानों द्वारा 28.95 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में बोई गई अधिसूचित फसलों का बीमा कराया गया, जिस में से 10.34 लाख किसानों को रुपए 763.73 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति का भुगतान बीमा कंपनियों द्वारा किया गया है.

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