भारत में बनने वाली मिठाइयों में मेवे का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है. मेवे को ले कर मिठाई बनाने वाले हर तरह के प्रयोग कर रहे हैं. ऐसे में खोये की मिठाई की जगह मेवे की मिठाई ज्यादा पसंद की जा रही हैं.
मेवे की मिठाई के चलन में आने का सब से बड़ा कारण यही है कि यह लंबे समय तक चल जाती है, खोए की मिठाई की तरह यह जल्दी खराब नहीं होती है. यही वजह है कि खोए से ज्यादा काजू की बरफी पसंद की जा रही है. इस को ‘काजू कतली’ के नाम से भी जाना जाता है. यह खोए की बरफी के मुकाबले काफी पतली होती है.
काजू बरफी भी खोया बरफी के आकार की होती है. काजू बरफी चीनी और काजू को मिला कर तैयार की जाती है. यह उत्तर भारत की सब से खास मिठाइयों में से एक है. इस को चांदी के वर्क में लगा कर खाने वालों को दिया जाता है. सूखी मिठाई के रूप में काजू बरफी सब से अच्छी होती है.
ऐसे बनाएं काजू बरफी
काजू बरफी बनाने के लिए 200 ग्राम काजू, 100 ग्राम चीनी, पानी और घी का इस्तेमाल किया जाता है. काजू को सब पहले साफ कर के ठीक से सुखा लें. इस को पीस कर काजू पाउडर बना लें.
एक कड़ाही में जरूरत के मुताबिक पानी गरम करें. पानी उबलने लगे तो उस में चीनी डाल दें. धीमी आंच पर चीनी को पकने दें. बीचबीच में इसे चलाते भी रहें ताकि चीनी कड़ाही में लगने न पाए. अब यह गाढ़ी चाशनी के रूप में दिखने लगती है.
काजू कतली के लिए 3 तार की चाशनी बेहतर रहती है. चाशनी को आंच से नीचे उतार लें. अब इस में काजू पाउडर मिला लें. कड़ाही को वापस धीमी आंच पर चढ़ाएं. इस को चाशनी के साथ तब तक मिलाएं जब तक यह अच्छी तरह से मिल न जाए.
अब काजू बरफी जमाने के लिए एक ट्रे लें. ट्रे की तली में घी की कुछ बूंदें डालें और उस में फैला दें. चौथाई इंच मोटाई में काजू बरफी का तैयार पेस्ट इस में डाल दें. बेलन का सहारा ले कर इस को चिकना कर दें. 20 मिनट बाद यह ठंडी हो जाएगी. तब मनचाहे आकार में इस को काटें. इस को सजाने के लिए चांदी वर्क का सहारा लें.
काजू बरफी की सब से खास बात यह होती है कि यह खोए की बरफी के मुकाबले ज्यादा दिन तक चल जाती है. यह 3 से 4 हफ्ते तक खराब नहीं होती है. इस को कहीं भी ले जाना आसान होता है. सूखी होने के चलते लोग इस को काफी पसंद करते हैं.
बढ़ता जा रहा प्रयोग
खोए की मिठाई में मिलावट होने का खतरा रहता है. काजू बरफी को बनाने के लिए किसी भी तरह की मिलावट नहीं की जा सकती है. काजू और चीनी से बनी काजू बरफी अच्छी होती है जिस से लोग इस को खूब प्रयोग करते हैं. यह खोया बरफी के मुकाबले ज्यादा महंगी होने के बाद भी पसंद की जा रही है.
बाजार में काजू बरफी की कीमत 500 रुपए प्रति किलोग्राम से शुरू हो कर 7 सौ रुपए प्रति किलोग्राम तक होती है.
काजू से कई तरफ की मिठाइयां तैयार की जाती हैं. काजू वैसे भी बहुत स्वादिष्ठ होता है. चीनी के साथ मिल कर यह और भी ज्यादा स्वादिष्ठ हो जाता है.
त्योहार के अलावा शादीब्याह में दी जाने वाली मिठाइयों में इस की खपत खूब होने लगी है. बहुत सारे लोगों के लिए यह कारोबार करने का जरीया भी बन सकता है.
काजू बरफी को तैयार करना वैसे तो सरल काम होता है पर काजू की क्वालिटी भी सही रखनी चाहिए. खराब काजू इस के स्वाद को बरबाद कर सकते हैं. इसलिए काजू बहुत ही देखभाल कर के लें. चीनी की चाशनी अच्छी रखनी चाहिए.