Sweets : बरसात के दिनों में खोए, छेने और दूध से तैयार की गई मिठाइयां जल्द खराब होने लगती हैं, इसलिए इस मौसम में मिठाई के दुकानदार अनाजों से तैयार होने वाली मिठाइयां ज्यादा बनाते हैं. वैसे ये मिठाइयां कीमत में कम होने की वजह से ज्यादा पसंद की जाती हैं. इन का देशी स्वाद भी लोगों को खूब लुभाता है. इन मिठाइयों में एक काफी मशहूर नाम बालूशाही (Balushahi) का है. यह देशी मिठाइयों में सब से ज्यादा पसंद की जाती है.

बालूशाही (Balushahi) को बनाना बेहद आसान है. इसे करीबकरीब हर दुकानदार बनाता है. घरों में भी इसे तैयार किया जाता है. बरसात के त्योहारी मौसम में यह बहुत बिकती है. वैसे यह साल भर बिकती है. अब बडे़ मिठाई वालों ने इसे बहुत आकर्षक बना दिया है. पैकिंग से ले कर इस के साइज में भी बदलाव किया गया है. अलगअलग दुकानों में इस की कीमत अलगअलग होती है. यह 350 रुपए प्रति किलोग्राम से ले कर 600 रुपए प्रति किलोग्राम तक में बिकती है. मेवों और घी से तैयार बालूशाही (Balushahi ) ज्यादा महंगी हो जाती है.

बालूशाही (Balushahi) को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है. मैदे, घी और चीनी से बनी होने के कारण इस की कीमत भी कम होती है. आम लोगों से ले कर खास लोगों तक को बालूशाही बहुत पसंद आती है.

बालूशाही (Balushahi) को बनाना काफी आसान होता है. इसे कोई भी हलवाई बना सकता है. कई दिनों तक खराब न होने के कारण सफर में जाने वाले लोग इसे ले कर जाते हैं. बालूशाही का रसीला स्वाद खाने वालों को दीवाना बना देता है. कुछ बड़ी मिठाई की दुकानें देशी घी वाली बालूशाही बनाती हैं. ये कीमत में थोड़ी ज्यादा भले ही होती हैं, पर मुंह में खुशबू और जायका दोनों को घोल देती हैं.

बनाने की विधि

सब से पहले मैदे में बेकिंग पाउडर, दही और घी डाल कर मिलाया जाता है. कुनकुने पानी की सहायता से इसे नरमनरम आटे की तरह गूंध लिया जाता है. इसे ज्यादा मलने की जरूरत नहीं होती है. सेट होने के लिए तैयार मैदे को रख दें. 20-25 मिनट में यह सेट हो जाता है. बालूशाही बनाने से पहले मैदे को फिर से गूंध लें. फिर मैदे से छोटीछोटी नीबू के आकार की लोइयां बनाएं. लोइयों को अपने दोनों हाथों की मदद से गोलगोल तैयार कर लें. इस के बाद पेड़े की तरह दबा कर गड्ढा सा बना दें. सारे मैदे की इसी तरह बालूशाही बना लें. इन्हें सूती कपड़े से ढक कर एक जगह रखें.

बालूशाही (Balushahi) को तलने के लिए कढ़ाई में जरूरत के हिसाब से घी डाल कर गरम करें. जब घी गरम हो जाए तो बालूशाही हो कढ़ाई में डालें. धीमी और मध्यम आंच का इस्तेमाल करते हुए बालूशाही को ब्राउन होने दें. जब बालूशाही (Balushahi) दोनों तरफ से सही प्रकार से पक जाए तो उन्हें थाली या प्लेट में निकाल लें.

अब 600 ग्राम चीनी में 300 ग्राम पानी मिला कर गरम करते हुए 1 तार की चाशनी बना लें. हलकी गरम इस चाशनी में बालूशाही (Balushahi) डाल दीजिए. 5-7 मिनट तक बालूशाही को चाशनी में पड़ा रहने दें. चिमटे की मदद से 1-1 बालूशाही को बाहर निकाल कर प्लेट में ठंडा होने के लिए रखें. कुछ समय के बाद बालूशाही पर पड़ी चाशनी ठंडी हो कर सूख जाएगी.

बालूशाही (Balushahi) को सजाने के लिए कतरे हुए बादाम, खरबूजे के बीज और चांदी के वर्क का प्रयोग किया जाता है. गरम बालूशाही खाने का मजा अलग ही होता है. वैसे इसे 20 से 25 दिनों तक रखा जा सकता है. इस का स्वाद जल्दी खराब नहीं होता है.

अच्छी बालूशाही (Balushahi) वह होती है, जो ठंडी होने के बाद भी खाने में मजेदार लगे. बालूशाही के अंदर खाने पर कड़ापन नहीं लगना चाहिए. ऐसी बालूशाही बनाने के लिए जरूरी है कि मैदा, बेकिंग पाउडर, दही और घी को सही तरह से मिलाया जाए. बालूशाही को घी में तलने के समय सावधान रहने की जरूरत होती है.

बालूशाही (Balushahi) बनाने की सामग्री

500 ग्राम मैदे से बालूशाही बनाने के लिए 150 ग्राम घी मिलाने की जरूरत होती है और आधा चम्मच बेकिंग पाउडर, आधा कप दही और 600 ग्राम चीनी की भी जरूरत होती है. इस के अलावा बालूशाही को तलने के लिए जरूरत के अनुसार घी चाहिए होता है.

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