नई दिल्ली: केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और विद्युत मंत्री आरके सिंह ने बताया कि सरकार ने पंजाब राज्य सहित देशभर में खेत की पराली सहित जैव ऊर्जा स्रोतों से नए और नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं.
उन्होंने बताया कि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने नवंबर, 2022 में 01 अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2026 की अवधि के लिए 1715 करोड़ रुपए के बजटीय परिव्यय के साथ राष्ट्रीय जैव ऊर्जा कार्यक्रम (एनबीपी) को दो चरणों में लागू करने के लिए अधिसूचित किया है.
पहले चरण का बजट परिव्यय 858 करोड़ रुपए है. यह कार्यक्रम केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) प्रदान कर के बायोएनर्जी संयंत्रों की स्थापना का समर्थन करता है. एनबीपी के बायोमास कार्यक्रम और अपशिष्ट से ऊर्जा कार्यक्रम घटक के तहत, परियोजना डेवलपर्स पंजाब राज्य के सभी जिलों सहित देश में कहीं भी जैव ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित कर सकते हैं. इन परियोजनाओं को सीएफए संबंधित योजना दिशानिर्देशों के अनुसार प्रदान किया जाता है.
उन्होंने कहा कि पैट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने विभिन्न अपशिष्ट / बायोमास स्रोतों से संपीड़ित बायो गैस (सीबीजी) के उत्पादन के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने और बढ़ावा देने और प्राकृतिक गैस के साथ इस का उपयोग करने के उद्देश्य से 1 अक्तूबर, 2018 को “किफायती परिवहन की ओर सतत विकल्प (एसएटीएटी)” पहल शुरू की है.
केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और विद्युत मंत्री आरके सिंह ने बताया कि जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा कार्यान्वित गोबरधन योजना के तहत मौडल सामुदायिक बायो गैस संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रति जिले में 50.00 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता उपलब्ध है.
उन्होंने कहा कि विद्युत मंत्रालय ने मौजूदा कोयला संचालित थर्मल पावर प्लांटों में बायोमास के मिश्रण को बढ़ावा देने के लिए समर्थ मिशन (थर्मल पावर प्लांट में बायोमास के उपयोग पर राष्ट्रीय मिशन) को अधिसूचित किया है.
उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, पंजाब और हरियाणा राज्यों और राजस्थान और उत्तर प्रदेश के एनसीआर जिलों में बायोमास पेलेट संयंत्रों की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए दिशानिर्देश अधिसूचित किए हैं.
मंत्री आरके सिंह ने बताया कि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के 20 जिलों में जैव ऊर्जा परियोजनाओं में खेत की पराली के उपयोग के लिए जागरूकता पैदा करने की पहल की है.
विद्युत मंत्रालय के राष्ट्रीय बायोमास मिशन ने थर्मल पावर संयंत्रों में बायोमास कोफायरिंग को बढ़ावा देने के लिए देश के 18 राज्यों में किसानों सहित विभिन्न हितधारकों के लिए 51 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए हैं.