इफको बायोडीकंपोजर एक लाभकारी सूक्ष्म जीवों का समूह है, जो फसल अवशेष, पशुओं के बिछावन, गोबर व दूसरे कचरे को जैविक खाद के रूप में तेजी से बदल कर खेती के लिए उपयोगी बना देता है.
* इफको बायोडीकंपोजर की एक बोतल से एक साल में एक लाख मीट्रिक टन से अधिक जैविक खाद का उत्पादन किया जा सकता है.
* 20 मिलीलिटर की पैकिंग में तरल रूप में उपलब्ध है.
इस से लाभ
* फसल अवशेषों को कंपोस्ट बनाने में उपयोगी.
* पशुओं के बिछावन, गोबर व दूसरे कचरे को जैविक खाद बनाने में उपयोगी.
* बीजोपचार कर के बीज से होने वाली विभिन्न बीमारियों की रोकथाम में उपयोगी.
* पर्णीय छिड़काव द्वारा विभिन्न कीट व बीमारियों की रोकथाम में उपयोगी.
* टपक सिंचाई पद्धति (ड्रिप सिंचाई) द्वारा प्रयोग करने से मिट्टी की उर्वराशक्ति में बढ़ोतरी.
* इफको बायोडीकंपोजर के उपयोग करने से उत्पादन की लागत को कम कर के शुद्ध आमदनी को बढ़ाया जा सकता है.
उपयोग की विधि
इफको बायोडीकंपोजर के उपयोग के लिए सब से पहले बायोडीकंपोजर का घोल तैयार किया जाता है.
इफको बायोडीकंपोजर घोल तैयार करने की विधि
* एक प्लास्टिक के ड्रम में 200 लिटर पानी लें और इस में 2 किलोग्राम गुड़ को घोलें.
* बायोडीकंपोजर की एक शीशी (बोतल) को (शीशी में उपस्थिति सामग्री को बिना हाथ से छुए) ड्रम में घोलें.
* एक लकड़ी के डंडे की मदद से ड्रम के पानी में बायोडीकंपोजर को अच्छी तरह से मिला दें और ड्रम को एक कागज या कपड़े से ढक दें.
* घोल को प्रतिदिन 2 बार लकड़ी के डंडे से अच्छी तरह हिलाएं. 5 से 7 दिन में ड्रम के घोल की ऊपरी सतह पर झागदार परत बन जाएगी और घोल का रंग मटमैला हो जाएगा.
* अब यह घोल उपयोग के लिए तैयार है.
इसी घोल से बारबार बायोडीकंपोजर का घोल तैयार किया जा सकता है?.
* एक दूसरे प्लास्टिक ड्रम में तैयार किए घोल से 20 लिटर घोल और 2 किलोग्राम गुड़ को 200 लिटर पानी में मिला दें और बताई गई प्रक्रिया को 7 दिन तक दोहराएं.
7 दिन में दोबारा बायोडीकंपोजर का घोल तैयार हो जाएगा. इस बायोडीकंपोजर के घोल का उपयोग फसल अवशेषों को कंपोस्ट बनाने, जैविक खाद बनाने, बीज के उपचार करने, पर्णीय छिड़काव करने व ड्रिप के द्वारा किया जा सकता है.
बायोडीकंपोजर घोल से फसल अवशेषों को कंपोस्ट बनाने की विधि
* फसल की कटाई के बाद खेत में बचे फसल अवशेषों पर 200 लिटर बायोडीकंपोजर के घोल का प्रति एकड़ की दर से छिड़काव कर खेत में पानी भर दें.
* पानी की कमी वाले इलाकों में खेत में बचे फसल अवशेषों पर 200 लिटर बायोडीकंपोजर के घोल का प्रति एकड़ की दर से छिड़काव कर छोड़ दें और जब किसान खेत में सिंचाई करते हैं, तो इन अवशेषों के विघटन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है.
* इस तरह कुछ समय बाद सारे फसल अवशेष जैविक खाद में बदल जाते हैं.
बायोडीकंपोजर घोल से जैविक खाद बनाने की विधि
* एक टन कृषि अपशिष्ट, गोबर, रसोई के कचरे वगैरह का 18-20 सैंटीमीटर मोटी परत की जमीन पर ढेर बना लें.
* इस ढेर को बायोडीकंपोजर के घोल से गीला कर लें.
* इस परत पर उतनी ही मोटाई की एक दूसरी परत बिछा दें व दोबारा बायोडीकंपोजर के घोल से गीला कर दें.
* यह प्रक्रिया 3 से 4 बार दोहराएं व आखिरी परत के ऊपर एक बार दोबारा बायोडीकंपोजर के घोल से गीला कर दें.
* अच्छी और तीव्र गति से खाद बनने के लिए 7 दिन के अंतराल पर ढेर को उलटपलट करते रहें.
* खाद बनने के दौरान 60-65 प्रतिशत नमी बनाए रखें.
* जरूरत पड़ने पर ढेर पर और बायोडीकंपोजर के घोल को मिलाया जा सकता है.
* इस विधि से 30 से 40 दिनों में गुणवत्तायुक्त जैविक खाद उपयोग के लिए तैयार हो जाती है.
बायोडीकंपोजर घोल से बीजोपचार करने की विधि
* बोआई से पहले सभी तरह की फसलों के बीज पर 5 मिलीलिटर बायोडीकंपोजर के घोल का प्रति किलोग्राम बीज की दर से समान रूप से छिड़काव करें.
* उपचारित बीज को 30 मिनट तक छाया में सुखा कर बोआई करें.
बायोडीकंपोजर घोल का ड्रिप सिंचाई के द्वारा उपयोग
* 200 लिटर बायोडीकंपोजर के घोल का प्रति एकड़ की दर से ड्रिप द्वारा सिंचाई करें.
* बायोडीकंपोजर के उपयोग से मिट्टी मुलायम व नरम बन जाती है.
* खेत की जैविक, रासायनिक व भौतिक दशा सुधरती है और इस तरह खेत की उर्वराशक्ति बढ़ती है.
* सूक्ष्म जीवों की बढ़ोतरी होती है. एंजाइमों व कार्बनिक अम्लों का उत्पादन कर के फसल अवशेषों मे मौजूद पोषक तत्त्वों को मुक्त कर के फसलों को मुहैया कराता है.
बायोडीकंपोजर घोल का पर्णीय छिड़काव द्वारा उपयोग
* बायोडीकंपोजर के घोल और पानी का 1:3 अनुपात के घोल का पर्णीय छिड़काव करें.
* 200 लिटर (बायोडीकंपोजर के घोल+पानी) का प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें.
* बायोडीकंपोजर के पर्णीय छिड़काव से कीटों व बीमारियों का नियंत्रण होता है.