सतना: 20 फरवरी, 2024. नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने कहा कि हमारे किसानों द्वारा उगाए गए अनाज से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है. साथ ही, प्रदेश का किसान आर्थिक रूप से सशक्त भी हो रहा है.
सरकार की फसलों पर समर्थन मूल्य देने की नीति से किसानों की आर्थिक उन्नति हुई है. सरकार का किसानों से दोगुनी आय करने के संकल्प को पूरा करने में गति मिली है.
राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने कहा कि हमारे किसानों द्वारा उगाई गई फसल रूपी से सोने का सेवन करने से हमें काम करने की शक्ति मिलती है. वास्तव में अन्नदाता ही हमारा जीवनदाता है. उन्होंने एकेएस विश्वविद्यालय, सतना में प्रदेश स्तरीय तृतीय कृषि विज्ञान मेले का शुभारंभ किया.
इस अवसर पर पद्मश्री बाबूलाल दहिया, निशांत कुमार टाक, महाप्रबंधक, कृषि जागरण डा.दिनेश कुमार, कृषि वैज्ञानिक एके चतुर्वेदी, साउथ अफ्रीका से तोजामा कुलाटी सिविसा, डा. आरपी चैधरी, भरत मिश्रा, बीके खरे, उपसंचालक कृषि मनोज कश्यप, संचालक आत्मा परियोजना राजेश त्रिपाठी, जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुष्मिता सिंह परिहार, नेपाल झा, जयप्रताप बागरी, कृषि विज्ञान केंद्र, मझगवां से डा. आरएस नेगी सहित बड़ी संख्या में किसान और विश्वविद्यालय के एग्रीकल्चर संकाय के विद्यार्थी उपस्थित रहे. कार्यक्रम का संचालन प्रो. आरसी त्रिपाठी ने किया.
रसायनमुक्त खेती की ओर बढ़ें किसान
राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने कृषि मेले का शुभारंभ करते हुए कहा कि मेले की थीम एमपावरिंग द फार्मर थू्र नैचुरल और्गैनिक फार्मिंग पर आगे बढ़ते हुए किसान जैविक और प्राकृतिक खेती को अपनाएं और रसायनमुक्त खेती को महत्व दें. प्राकृतिक और जैविक खेती सही माने में हमारे स्वास्थ्य और मृदा स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद हैं.
उन्होंने कहा कि रसायनयुक्त खेती के अनेकों दुष्प्रभाव हैं. वर्तमान में खेती की उपज ज्यादा लेने के उद्देश्य से रसायनों का बिना सोचेसमझे उपयोग किया जा रहा है. नतीजतन, हमें विभिन्न प्रकार के गंभीर रोग की समस्यायों से जूझना पड़ रहा है.
मोटे अनाज के उत्पादों को मिलती है अच्छी कीमत
राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने कहा कि आज का समय आधुनिकता का है. सभी क्षेत्रों में हम आधुनिकता के साथ आगे बढ़ रहे हैं. किसान भी खेती के कामों को आधुनिकता के साथ करें. मोटे अनाजों की खेती को बढ़ाने में किसान सहयोग करें. मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार भी सहयोग कर रही है. मोटे अनाज के उत्पादों की कीमत पारंपरिक खेती के उत्पादों से ज्यादा होती है. इस का बाहर निर्यात होने से किसानों को अच्छी कीमत मिलेगी. प्रदेश में गेहूं निर्यात इस का एक उदाहरण है. गेहूं का उत्पादन बढ़ने से निर्यात में वृद्धि हुई है और किसानों को इस का फायदा भी मिल रहा है.
मोटे अनाज (मिलेट्स) की खेती से होने वाले फायदों पर जोर दिया जा रहा है. विदेशों में भारतीय उत्पादों की मांग बहुत ज्यादा है. मध्य प्रदेश ने प्रदेश के कृषि निर्यात के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है.
जिले के किसान और्गैनिक खेती को अपनाएं
राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने कहा कि मिलेट्स हमारी सभ्यता का, हमारे भोजन का अभिन्न अंग था. धीरेधीरे इस की मात्रा हमारे भोजन में कम होने लगी. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिलेट्स को बढ़ावा देने की अभिनव पहल की और सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं. सरकार के प्रयासों से मोटे अनाज की खेती को करने में किसान भी अपनी रुचि दिखा रहे हैं.
उन्होंने आगे यह भी कहा कि सतना जिले में सब से बड़ी आबादी किसानों की है. राज्य सरकार और मेहनती किसान मिल कर प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे.
उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश में फसल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रोत्साहन योजनाएं और मार्गदर्शी कार्यक्रमों का संचालन केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है. अब शिक्षित युवाओं द्वारा भी कृषि को रोजगार के रूप में अपनाना प्रारंभ किया गया है. विश्वविद्यालय में अध्ययनरत कृषि संकाय के विद्यार्थी आधुनिक कृषि और उस की तकनीकों के बारे में गहन अध्ययन करें.
अतिथियों द्वारा मेले का उद्घाटन एवं कृषि प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया. अतिथियों का स्वागत एवं परिचय डा. हर्षवर्धन ने दिया. इस के पश्चात अधिष्ठाता कृषि एवं तकनीकी संकाय डा. एसएस तोमर ने कृषि विज्ञान मेले का उद्देश्य निरूपित किया.